रायपुर। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (CBI) ने देश में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने के मामले में बड़े घोटाले का पर्दाफास किया है। इस मामले में CBI ने कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था। सीबीआई की इस कार्रवाई में सबसे बड़ी बात यह है कि रावतपुरा सरकार इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, रायपुर के चेयरमैन रविशंकर जी महाराज उर्फ रावतपुरा सरकार के खिलाफ भी FIR की गई है। चेयरमैन के अलावा रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी का नाम भी एफआईआर में है।
इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ के रावतपुरा मेडिकल कॉलेज सहित जांच में शामिल सभी कॉलेज को इस वर्ष जीरो ईयर घोषित हो सकता है। इस वर्ष कोई फर्स्ट ईयर एडमिशन नहीं होगा। मान्यता के लिए रिश्वत के खुलासे के बाद प्रबंधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की संभावना है।
सीबीआई ने इस मामले में 35 आरोपियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है। इनमें नेशनल मेडिकल कमीशन के अधिकारी, डॉक्टर और स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसर, प्राइवेट कॉलेजों के जिम्मेदार अधिकारी और दलाल शामिल हैं।
CBI ने मंगलवार को इस मामले में 6 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। इनमें डॉ. मंजप्पा सीएन (इंस्पेक्शन टीम प्रमुख), डॉ. चैत्रा एमएस (निरीक्षण दल की सदस्य), डॉ. अशोक शेलके (निरीक्षण दल के सदस्य), अतुल कुमार तिवारी (SRIMSR, रायपुर के निदेशक), सथीश ए (डॉ. मंजप्पा सीएन का सहयोगी) और रविचंद्र के (आरोपी डॉ. चैत्रा का पति) को CBI की टीम ने गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 7 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर सीबीआई को सौंपा है। सीबीआई की टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
दरअसल, CBI लंबे समय से NMC और उससे जुड़े लोगों को ट्रैप कर रही थी। केस फाइल करने के बाद सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए बेंगलुरु में प्लानिंग की गई। यहां से 55 लाख रुपए की रिश्वत की रकम भी बरामद की गई। रिश्वत की कुल रकम में से 16.62 लाख रुपए डॉ. चैत्रा के पति रविन्द्रन से और 38.38 लाख रुपए डॉ. मंजप्पा के सहयोगी सतीश ए से बरामद किए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों पर आरोप है कि इंस्पेक्शन टीम की प्रमुख डॉ. मंजप्पा सीएन ने अतुल कुमार तिवारी के साथ मिलकर कॉलेज के फेवर में रिपोर्ट बनाने 55 लाख की डील की और पैसे 3 लोगों में बंटे। निरीक्षण दल की सदस्य डॉ. चैत्रा एमएस ने डॉ. मंजप्पा सीएन के साथ रिश्वतकांड में बराबर की हिस्सेदारी और कॉलेज के पक्ष में रिपोर्ट बनाने और पैसे लेने पर सहमति जताई। निरीक्षण दल के सदस्य डॉ. अशोक शेलके ने डॉ. मंजप्पा सीएन के साथ रिश्वतकांड में बराबर की हिस्सेदारी और कॉलेज के पक्ष में रिपोर्ट बनाने में सहमति ।
रावतपुरा मेडिकल कॉलेज रायपुर के निदेशक अतुल कुमार तिवारी ने संस्थान के पक्ष में रिपोर्ट बनाने डॉ. मंजप्पा सीएन को 55 लाख की रिश्वत ऑफर की। पैसों को हवाला से देने की जानकारी दी। डॉ. मंजप्पा सीएन के सहयोगी सथीश ए ने हवाला कनेक्शन से पैसा लेने वाला। हवाला ऑपरेटर से 55 लाख रुपए इकट्ठा किया। इसके बाद बताए ठिकानों तक पहुंचाया। डॉ. चैत्रा का पति रविचंद्र के ने सथीश से 16.62 लाख रुपए लिए। इसे CBI की टीम ने रविचंद्र को रंगेहाथों पकड़ा है।
सीबीआई ने इनके खिलाफ भी दर्ज की है FIR
मयूर रावल – रजिस्ट्रार, गीतांजलि यूनिवर्सिटी, उदयपुर, राजस्थान
आर. रणदीप नायर – प्रोजेक्ट हेड, टेकइन्फी सॉल्यूशन्स प्रा. लि., नई दिल्ली
डी. पी. सिंह – कुलपति, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई
डॉ. अतिन कुंडू – रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज, नवा रायपुर (पिता: एन. के. कुंडू)
लक्ष्मीनारायण चंद्राकर – अकाउंटेंट, रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज, नवा रायपुर
संजय शुक्ला (पिता: कृपा शंकर शुक्ला) – रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज, नवा रायपुर
डॉ. मंजप्पा सी. एन. – प्रोफेसर और HOD (ऑर्थोपेडिक्स), मंड्या इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मांड्या, कर्नाटक — NMC निरीक्षण दल के सदस्य
डॉ. सतीश – बेंगलुरु — NMC निरीक्षण दल के सदस्य
डॉ. चैत्रा एम. एस. – NMC निरीक्षण दल की सदस्य
डॉ. पी. रजनी रेड्डी – NMC निरीक्षण दल की सदस्य
डॉ. अशोक शेल्के – NMC निरीक्षण दल के सदस्य
डॉ. जीतू लाल मीणा – संयुक्त निदेशक एवं डिवीजन प्रमुख (SPE), राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, नई दिल्ली
पूनम मीणा – अधिकारी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
धर्मवीर – अधिकारी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
पियूष मल्यान – अनुभाग अधिकारी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
अनूप जायसवाल – अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय
राहुल श्रीवास्तव – अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय
चंदन कुमार – अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय
दीपक – अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय
मनिषा – अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय