द लेंस डेस्क | MONSOON ALERT: मानसून ने उत्तर भारत में भारी तबाही मचाई है, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भारी बारिश, बादल फटने और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है। हिमाचल में 20 से 21 जून को मानसून की एंट्री हुई थी उसके बाद से अब तक 20 से अधिक बार बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें मंडी और किन्नौर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इस आपदा में अब तक 51 लोगों की जान जा चुकी है 22 से अधिक लोग लापता हैं और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं।
हिमाचल में बादल फटने से मची तबाही
30 जून की रात हिमाचल प्रदेश के मंडी और किन्नौर जिलों में कुल 16 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गईं। जबकि अगले दिन मंडी जिले में 15 और किन्नौर में एक स्थान पर बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। मंडी के थुनाग, करसोग, गोहर और धर्मपुर क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचाई। ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया जिससे अफरातफरी मच गई। करसोग के पुराना बाजार, पंजराट, कुट्टी और सकरोल में पानी और मलबे ने घर, दुकानें और खेतों को बहा दिया।
गोहर उपमंडल की स्यांज पंचायत के पंगलियुर गांव में ज्यूणी खड्ड के उफान ने दो परिवारों के नौ लोगों को बहा ले गया। रात के अंधेरे में बाढ़ ने गांव को मलबे के ढेर में बदल दिया। स्थानीय निवासियों ने अलग-अलग मीडिया को बताया कि उन्हें नींद से जागने का मौका तक नहीं मिला। वहीं अब प्रशासन पर देरी से राहत कार्य शुरू करने का आरोप लगा है क्योंकि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें 12 घंटे बाद पहुंचीं। फिलहाल प्रदेश में अब तक 40 से अधिक मकान पूरी तरह ढह चुके हैं, 24 घर और 12 गोशालाएं मंडी जिले में जमींदोज हो गईं। 30 पशुओं की मौत हो चुकी है, और कई पुल बह गए हैं। प्रशासन ने 332 लोगों को सुरक्षित निकाला है और प्रभावित परिवारों को 25,000 रुपये की तत्काल राहत दी गई है।
उत्तर प्रदेश की नदियां उफान पर
इधर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर 50 मिमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। पिछले 50 घंटों में जलस्तर 2.96 मीटर बढ़ा, जिससे मणिकर्णिका घाट तक पानी पहुंच गया। 20 से अधिक मंदिर जलमग्न हो चुके हैं। लखीमपुर खीरी में शारदा नदी उफान पर है जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राजस्थान के कोटा जिले के मोड़क कस्बे में बाढ़ ने हालात बेकाबू कर दिए हैं। घरों, स्कूलों, अस्पतालों और एटीएम में चार फीट तक पानी भर गया है। चित्तौड़गढ़ में गूंजली नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है जिससे आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है।
स्थिति को देखते हुए हिमाचल में प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि भारी बारिश और मलबे ने बचाव कार्यों में मुश्किल पैदा कर रहें हैं । भारतीय मौसम विभाग ने हिमाचल, उत्तर प्रदेशऔर राजस्थान में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।