दंतेवाड़ा।संयुक्त पंचायत दंतेवाड़ा द्वारा NMDC के किरंदुल व बचेली परियोजना मे हो रही अनिश्चित कालीन हड़ताल रविवार को समाप्त हो गयी है। जिला प्रशासन, NMDC प्रबंधन और आंदोलन कारियों के आपसी सहमति के पश्चात यह आंदोलन स्थगित किया गया है। जिला प्रशासन के पहल पर प्रबंधन ने यह आश्वासन दिया है की NMDC किरंदुल और बचेली कॉम्प्लेक्स मे होने वाली L – 1 और L – 2 के भर्तियों मे स्थानीय युवाओ को प्राथमिकता दिए जाने के सम्बन्ध मे अपने उच्च कार्यालय से समन्वय कर उचित निर्णय लिया जायेगा, और इस निर्णय के पश्चात ही भर्ती की अग्रिम प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी। PROTEST AGAINST NMDC
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिस प्रकार बस्तर फाइटर की भर्ती बस्तर के लिए स्पेशल निकाला जाता है। तो लोहा हमारे पास है उस लोहा के लिए हम भर्ती स्पेशल लेना चाहेंगे। जिला प्रशासन और एनएमडीसी के मध्यस्थता में यह आश्वासन दिए हैं कि इस बार नौकरी में भर्ती बस्तर संभाग के लिए होगी। जो आवेदन दिया गया, उसके लिए यह कहा कि इस बार हंड्रेड परसेंट जितनी पोस्ट होगी केवल लोकल भर्ती होंगे।
दूसरे प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम एनएमडीसी के आश्वासन से आस्वस्त है लेकिन 100 प्रतिशत आस्वस्त नहीं है। जब तक हम लोगों की भर्ती नहीं हो जाएगी। जब तक युवाओं को एल वन, एल टू पर पूरी तरीके से भर्ती नहीं होगी। 763 पद जो आए हैं उसमें भर्ती नहीं होगी, तो हम आने वाले दिनों में फिर से आंदोलन करेंगे।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि 60 सालों से बैलाडीला की पहाड़ियों से लौह अयस्क निकालने वाली NMDC जल, जंगल और जमीन के दोहन कर रही है। एनएमडीसी में कई पदों के भर्तियों मे स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के मामले को लेकर संयुक्त पंचायत दंतेवाड़ा संघ के बैनर तले हजारों युवा आंदोलन कर रहे थे।
गुरुवार को आंदोलन तब तेज हो गया जब युवाओं ने NMDC के काम को ठप्प कर दिया। समस्त कर्मचारियों को NMDC नाके से आगे जाने से रोक दिया है। युवाओ और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि प्रबंधन और प्रशासन जब तक यह लिखित अस्वासन नहीं देते कि भर्तियों मे स्थानीय दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा। इस पुरे मामले मे अब तक प्रशासन और प्रबंधन मौन है।
दरअसल, NMDC की नौकरियों में स्थानीय लोगों को कितनी हिस्सेदारी मिली? इस सवाल के साथ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि भर्तियों में उनका हिस्सा नाममात्र का है। अब किरंदुल और बचेली प्रोजेक्ट्स में 765 रिक्त पदों की भर्ती की बात सामने आई है। लेकिन, स्थानीय युवा इस बार चुप नहीं हैं।
भारत के नौ रत्न कंपनी में शामिल NMDC वर्ष 1965 से दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला में स्थापित है। NMDC विगत 60 वर्षों से बैलाडीला के किरंदुल और बचेली से लौह उत्तखनन कर अन्य राज्यों और देशों को कच्चा लोहा निर्यात कर रहा है । इस लौह उत्तखनन से निकलने वाले लाल डस्ट के कारण दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के सैकड़ो गांव प्रभावित हैं। हजारों एकड़ जमीन बंजर हो गई है। सैकड़ो मवेशी पानी में डूब कर मर चुके हैं। नलकूपों और चुवों से आयरन युक्त पानी निकलने के कारण हजारों ग्रामीण गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं।