रायपुर। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में जंगली हाथी के हमले (ELEPHANT ATTACK )ने एक बार फिर लोगों को डर के साए में ला दिया है। 28 जून 2025 की रात लीलर गांव में एक दुखद घटना हुई, जिसमें एक जंगली हाथी ने एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला । इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। 28 जून की रात करीब 10 बजे लीलर गांव में 45 वर्षीय देवचरण अपने दोस्त के साथ पैदल जा रहे थे। तभी अचानक एक जंगली हाथी ने उन पर हमला कर दिया। देवचरण को बचने का मौका नहीं मिला और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उनके दोस्त ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
वन विभाग के अनुसार इस क्षेत्र में जंगली हाथियों की मौजूदगी पहले से थी, लेकिन इस हमले को रोक पाना मुश्किल हो गया। घटना के बाद वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और हाथी को जंगल की ओर खदेड़ने की कोशिश की। मृतक के परिवार को तुरंत आर्थिक मदद देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, धमतरी के अलावा सूरजपुर, रायगढ़, कोरबा और महासमुंद जैसे जिलों में भी जंगली हाथी ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं। पिछले पांच सालों में छत्तीसगढ़ में हाथी हमलों में 300 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हाल ही में सूरजपुर में दो बच्चों की मौत और कोरबा में मवेशियों पर हमले की घटनाएं सामने आई थीं।
इन हमलों के पीछे जंगलों की कटाई और मानव बस्तियों का जंगलों के करीब पहुंचना इस समस्या का बड़ा कारण है। भोजन और पानी की तलाश में हाथी गांवों में घुस रहे हैं, जिससे इंसानों और हाथियों के बीच टकराव बढ़ रहा है। वन विभाग की कुछ तकनीकें, जैसे मिर्ची धुआं, पूरी तरह से कामयाब नहीं हो रही हैं। लीलर गांव और आसपास के लोग अब रात में घर से निकलने से डर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से इस समस्या का पक्का हल निकालने की मांग की है। वन विभाग ने लोगों से रात में जंगल या खेतों में अकेले न जाने की अपील की गई है, ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे हाथियों की आवाजाही की जानकारी के लिए वन विभाग से संपर्क में रहें।