बिलासपुर/रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की एक जमानत खारिज कर दी है। यह याचिका प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) के जांच की मॉनिटरिंग को लेकर लगाई गई थी। इसके अलावा जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है। याचिका में कहा गया था कि छत्तीसगढ़ सरकार अलग-अलग केस में फंसा रही है। इसलिए हाईकोर्ट की निगरानी में एजेंसियां जांच करें। इस याचिका को जस्टिस अरविंद वर्मा ने सुनने के बाद खारिज कर दिया।
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के समय हुए करीब 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले मामले में ED ने अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे रायपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से उपमहाधिवक्ता डॉ. सौरभ पांडेय ने पक्ष रखा। अनिल टुटेजा ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका के साथ आवेदन पेश किया था कि राज्य शासन उनके खिलाफ लगातार केस दर्ज कर रही है।
याचिका में अनिल टुटेजा के वकील ने कहा है कि राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के बाद भी फंसाया गया है। जांच एजेंसियां उनके साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है। इसलिए हाईकोर्ट की निगरानी में इसकी जांच कराई जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कराने वाली याचिका खारिज कर दी है।
अनिल टुटेजा के वकील का पक्ष रखने के बाद सरकार की तररफ से उपमहाधिवक्ता ने कहा कि अनिल टुटेजा प्रभावशाली प्रशासनिक अधिकारी रहें हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप है। उनके खिलाफ जांच एजेंसियों के पास पर्याप्त सबूत भी है। वे नान घोटाले में भी आरोपी थे। ऐसे में अगर उन्हें राहत मिलती है तो जांच प्रभावित हो सकती है।
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