[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
भूपेश बघेल ने चुनाव आयोग को बताया ‘केचुआ’, कहा – पहली बार देखा केचुआ की वजह से किसी की मौत हुई
SIR के खिलाफ ममता की हुंकार- ‘मेरे साथ खेलने की कोशिश मत करना, तुम हार जाओगे’
सर्वधर्म स्थल में प्रवेश करने से इंकार करने वाले सैन्य अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार
आरक्षण पर आईएएस संतोष वर्मा ने ऐसा क्‍या कह दिया कि ब्राह्मण समाज को नागवार गुजरा?
अयोध्‍या: पीएम मोदी ने राम मंदिर पर फहराई धर्म ध्‍वजा, बताया- भारतीय सभ्यता के पुनर्जन्म का प्रतीक
सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल की अग्रिम जमानत याचिका और देशभर की FIR क्लबिंग की याचिका की खारिज
जस्टिस नागरत्ना की असहमति में दम होता तो अन्य जज भी उसे स्वीकारते, बोले पूर्व सीजेआई
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिड़मा के नारों पर साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी की सफाई
जशपुर में एक मिशनरी स्कूल की नाबालिग छात्रा ने हॉस्टल में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में प्रिंसिपल पर छेड़छाड़ का आरोप
इथियोपिया का 12 हजार साल पुराना ज्वालामुखी फटा, राख का बादल 4300 किमी दूर दिल्ली तक पहुंचा
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

चुनाव आयोग के इंसेंटिव रिवीजन वाले दावे पर योगेंद्र यादव ने उठाया सवाल, कहा – लाखों वोट उड़ाने का खेल?

The Lens Desk
The Lens Desk
Published: June 27, 2025 8:31 PM
Last updated: June 28, 2025 10:16 AM
Share
incentive revision
SHARE

बिहार में आगामी विधान सभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन) अभियान शुक्रवार से शुरू हो गया है। पटना समाहरणालय में आयोजित कार्यशाला से इसे शुरू किया गया। इस अभियान के तहत 1 जुलाई 2025 को क्वालीफाई तारीख मानते हुए शुरू किया गया है। चुनाव आयोग के स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन शुरू करने के फैसले का लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।

इस मसले को लेकर योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया में एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने, ‘बिहार में चुनाव आयोग का अभूतपूर्व, अजीब, अलोकतांत्रिक और असंभव आदेश: लाखों वोट उड़ाने का खेल?’ लिखते हुए सवाल खड़े किए। उन्होंने आगे लिखा, ‘लाखों लोगों का नाम वोटर लिस्ट से कट जाएगा या फिर बिहार का चुनाव टल जाएगा।’

दरअसल, चुनाव आयोग के इंसेटिव रिवीजन के फैसले को लेकर यह सवाल खड़ा किया है। अपने इस वीडियो में दावा किया है कि अगर चुनाव आयोग इस तरह से वोटर लिस्ट का रिवीजन करता है तो लाखों वोटर्स का नाम कट जाएगा, क्योंकि चुनाव आयोग इस फैसले में यह उदावा कर रहा है कि मतदाताओं को एक फॉर्म भरना होगा और जमा करना होगा, इसके बाद ही उनका नाम मतदाता सूची में आएगा। उन्होंने अपने वीडियो में सवाल किया कि यह पहली बार हो रहा है कि चुनाव के तीन महीने पहले पूरे मतदाता सूची को नए सिरे से लिखा जा रहा है।

स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन की प्रक्रियाओं पर सवाल खड़ा करते हुए योगेंद्र ने कहा कि भारत में वोटरलिस्ट में आपका नाम है यह जिम्मेदारी आपकी नहीं सरकार की है। पहली बार वोटर से कहा जा रहा है कि आप फॉर्म भरो। अगर आप फॉर्म भरकर नहीं दोगे तो आपका नाम नहीं आएगा। पहली बार वोटर लिस्ट में शामिल होने के लिए आपसे देश के नागरिक होने का प्रूफ मांगा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अचानक चुनाव आयोग के दिमाग में यह बात कैसे आई है। 18 बिंदुओं में बदलाव की बात कही गई थी, लेकिन उनमें कहीं नहीं कहा गया कि हम नए सिरे से वोटर लिस्ट बनाएंगे। दिसंबर जनवरी तक बिहार में समरी रिविजन हुआ है। यानी कि पूरी वोटर लिस्ट की जांच हुई है। उसमें करीब 5 लाख नए नाम जुड़ें हैं और एक लाख नाम कटे हैं। अब एक बार फिर से लिस्ट का काम होगा तो यह अजीब फैसला है।

क्या है स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन?

चुनाव आयोग ने इस रिवीजन को लेकर दावा किया है कि बिहार में पिछला रिवीजन वर्ष 2003 में किया गया था। लेकिन वर्तमान में शहरीकरण, प्रवासन, नए मतदाताओं की संख्या में वृद्घि, मृतकों के नामों का अद्यतन न होना, और अवैध नागरिकों के नाम सूची में होने जैसी समस्याओं के चलते यह पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है।

इस अभियान में हर मतदाता को गणना फॉर्म (Enumeration Form – EF) भरना होगा, जिसे बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर वितरित और संग्रह करेंगे। फॉर्म भरने की सुविधा ऑनलाइन (voters.eci.gov.in) भी उपलब्ध है। बीएलओ तीन बार फॉर्म जमा करने का प्रयास करेंगे। बीएलओ फॉर्म प्राप्ति की रसीद देंगे। फॉर्म समय पर न देने पर प्रारूप सूची में नाम शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन दावा-आपत्ति अवधि में फॉर्म-6 और घोषणा पत्र के माध्यम से नाम जोड़ा जा सकेगा।

TAGGED:Biharincentive revisionTop_NewsYogendra Yadav
Previous Article Indian diplomacy आसान नहीं “स्थायी समाधान”
Next Article Trump vs journalist Media standing up to a bully
Lens poster

Popular Posts

तीन दिन के युद्ध की त्रासदी

हमारे तथाकथित अख़बार गजब की बात बता रहे हैं कि हमारे प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति…

By कुमार प्रशांत

छत्तीसगढ़ के कॉलेजों में 625 असिस्टेंट प्रोफेसर की होगी भर्ती

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेजों में करीब 7 सौ पदों पर भर्ती (Recruitment in colleges)…

By दानिश अनवर

कन्नड़ भाषा पर टिप्पणी न करें कमल हासन : बेंगलुरु कोर्ट

द लेंस डेस्क। बेंगलुरु की एक सिविल कोर्ट ने मशहूर अभिनेता KAMAL HAASAN को कन्नड़…

By Lens News

You Might Also Like

Vinod Kumar Shukla
साहित्य-कला-संस्कृति

मुंबई लिटफेस्ट में विनोद कुमार शुक्ल को मिला सम्मान

By पूनम ऋतु सेन
NAXAL OPRATION:
अन्‍य राज्‍य

माओवादियों के शवों को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई,  कोर्ट ने छत्तीसगढ़ पुलिस से संपर्क की सलाह दी

By Lens News Network
Prafulla Bharat resign
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के एडवोकेट जनरल का इस्तीफा

By Lens News Network
bihar katha
लेंस रिपोर्ट

बिहार : जंगल राज का सच चुनावी बिगुल या बदहाल कानूनी व्यवस्था को आईना

By राहुल कुमार गौरव

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?