[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
जस्टिस नागरत्ना की असहमति में दम होता तो अन्य जज भी उसे स्वीकारते, बोले पूर्व सीजेआई
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिड़मा के नारों पर साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी की सफाई
जशपुर में एक मिशनरी स्कूल की नाबालिग छात्रा ने हॉस्टल में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में प्रिंसिपल पर छेड़छाड़ का आरोप
इथियोपिया का 12 हजार साल पुराना ज्वालामुखी फटा, राख का बादल 4300 किमी दूर दिल्ली तक पहुंचा
चीनियों ने Shanghai Airport पर 18 घंटे तक अरुणाचल प्रदेश महिला को बनाया बंधक
माओवादियों के विरोध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस तो समर्थन में उतरे तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष
अवध असम एक्सप्रेस में बिना टिकट यात्रियों की भारी भीड़, एक लड़की का दम घुटा, इमरजेंसी चेन खींचने के बावजूद न डॉक्टर पहुंचे न पुलिस
गजा की 90% से ज्यादा आबादी मदद पर निर्भर, 44 दिनों में करीब 500 बार टूटा सीजफायर
जमीन गाइडलाइन दर का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों से भाजपा नेताओं की धक्का-मुक्की, भाजपा अध्यक्ष का काफिला रोकने पर विवाद
होमवर्क नहीं करने पर नर्सरी के बच्चे को पेड़ से लटकाया, वीडियो वायरल
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

बीजेपी और इन दो नेताओं की कुंडलियां

राजेश चतुर्वेदी
राजेश चतुर्वेदी
Byराजेश चतुर्वेदी
Follow:
Published: June 26, 2025 7:37 PM
Last updated: June 27, 2025 12:39 AM
Share
MP Ki Baat
SHARE

दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा में दो नेता ऐसे हैं, जिनकी कुंडलियां बीते लंबे वक्त से पार्टी के ही कई नेताओं के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई हैं। संयोग से दोनों का संबंध मध्य प्रदेश से है। एक हैं-जेपी नड्डा और दूसरे-वीडी शर्मा। नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, तो शर्मा के पास मध्य प्रदेश इकाई का दायित्व है। दोनों को अपनी-अपनी जगह पर टिके हुए पांच-पांच बरस से ज्यादा समय हो गया है, जबकि पार्टी के संविधान में अध्यक्ष के कार्यकाल के लिए तीन वर्ष की समयावधि निर्धारित है।

खबर में खास
जब वीडी ने जमकर यश कमायादिल्ली खुद एक्सटेंशन पर, तो कौन पूछे?निगाहें भी वहीं, जहां निशाना90 डिग्री का पुल और डबल इंजन की वॉलीबाल

नड्डा के अगर छह माह बतौर कार्यकारी अध्यक्ष के जोड़ लिए जाएं, तो उन्हें छह साल हो गए हैं। सातवां साल शुरू हो गया है। वह जून 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे और 20 जनवरी 2020 को पूर्णकालिक अध्यक्ष बने। जबकि वीडी शर्मा के पास 15 फरवरी 2020 से मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी है। मतलब, शर्मा के भी पांच साल पूरे हो चुके हैं और छठवां साल चल रहा है। 45 साल की बीजेपी में पहले कब ऐसा हुआ, याद किया जा रहा है।

दोनों की कुंडली और दशा-अंतर्दशा के बारे में जानकारी को लेकर चुहलबाजी भी इसीलिए हो रही है कि “इनमें आखिर ऐसा क्या है” या पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी है, जो वह फैसला नहीं ले पा रही है। कई लोगों को उम्मीद थी कि शनि, राहु, केतु और गुरु जैसे बड़े ग्रहों के राशि परिवर्तन के बाद शायद कुछ होगा, मगर कुछ नहीं हुआ। अब सारी उम्मीदें शुभ ग्रह बुध से बंध गई हैं, जिसने दो दिन पहले ही राशि बदली है। बुध एक राशि में करीब 70 दिन बिताता है, इस लिहाज से अगले “सत्तर दिन” काफी महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं। हालांकि, बीते 70 दिनों को भी महत्वपूर्ण बताया गया था। और, यदि ये सत्तर दिन खाली निकल गए, तो आने वाले सत्तर दिनों को बताया जाएगा। यह सिलसिला कब थमेगा, कोई नहीं जानता।

जब वीडी ने जमकर यश कमाया

दरअसल, संगठन चुनावों को लेकर भाजपा, जो अपनी विरोधी कांग्रेस पर ‘परिवारवाद’ का आरोप लगाते नहीं थकती, इस बार उजागर हो गई है। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जेपी नड्डा ने भले ही यह कहा हो कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं, लेकिन जो पार्टी के भीतर महसूस किया जा रहा है, उससे लगता है कि अपेक्षित नतीजे नहीं आने के फलस्वरूप वह संघ के वीटो का मुकाबला नहीं कर पा रही है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में संघ ऐसा चेहरा चाहता है, जो “सरकार” से ऊपर संगठन और उसकी लीडरशिप (संघ) को तरजीह दे। कम से कम नड्डा जैसा प्रॉक्सी न हो। जबकि ‘सत्ता’ किसी ऐसे को पार्टी की कमान सौंपना चाहती है, जो उसके इशारे पर काम करे और नजर देखकर चले। मध्य प्रदेश में आरएसएस का कामकाज शुरू से काफी फैला हुआ है। आमतौर पर पार्टी अध्यक्ष उसकी मर्जी या सहमति से ही चुने जाते रहे हैं।

मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सबसे ताजा उदाहरण हैं, जिन्हें संघ में एक बड़े पदाधिकारी की पसंद होने का भरपूर लाभ मिला। इतना कि 2013 में वह भाजपा में आए और सात साल के भीतर फरवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष बन गए। उनका कार्यकाल फरवरी 2023 तक था, लेकिन कई कारणों से उन्हें सेवा वृद्धि हासिल होती रही। अब भी वह एक्सटेंशन पर हैं। और कब तक रहेंगे, शायद उन्हें भी नहीं मालूम। वैसे भी नसीब का लिखा कौन जानता है या जान पाया है। कहा जाता है कि जो नसीब में लिखा होता है, वह होकर रहता है। नसीब में यश लिखा है, तो मिलेगा ही। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में वीडी ने जमकर यश कमाया। सारे बड़े नेता एक तरफ और वीडी भाई एक तरफ। समझा जा सकता है कि यश का ग्राफ कितना ऊंचा रहा होगा।

दिल्ली खुद एक्सटेंशन पर, तो कौन पूछे?

लेकिन ‘यथास्थितिवाद’ ने संगठन के कामकाज और बीजेपी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को खासी चोट पहुंचाई है। मोहन यादव सरकार को डेढ़ साल हो चुका है, पर सरकारी निगम-मंडल, आयोग, प्राधिकरण वगैरह में राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। यही हाल स्थानीय निकायों में एल्डरमैन आदि का है। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौरान संस्कृति विभाग से संबंधित समितियों और उपक्रमों में हुई नियुक्तियां यथावत हैं।

इसका कारण संघ है, जो कथित रूप से सांस्कृतिक संगठन होने के नाते संस्कृति को अपने खाते में गिनता है। लिहाजा, 2023 में मुख्यमंत्री बदलने के बाद इस विभाग से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई और अन्य उपक्रमों में नियुक्त पदाधिकारियों से इस्तीफे ले लिए गए। चूंकि दिल्ली खुद ‘एक्सटेंशन’ पर चल रही है, लिहाजा यह पूछने वाला कोई नहीं है कि संगठन में विभिन्न मोर्चों की कार्यसमितियों और प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठकों का आयोजन पार्टी के संविधान के मुताबिक हो रहा है या नहीं?

निगाहें भी वहीं, जहां निशाना

राजनीति में कई बार निगाहें भी वहीं होती हैं, जहां निशाना होता है। पिछले दिनों, मध्य प्रदेश लोकायुक्त ने पूर्व विधायक पारस सकलेचा की एक शिकायत को जांच में लिया, जो पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और राज्य आजीविका मिशन के पूर्व सीईओ ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ है, और जिसमें 2018 से 2022 के चार वर्षों में 500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है। लेकिन, जांच की टाइमिंग इस पूरे मामले को रोचक बना रही है।

सबसे पहले यह कि सकलेचा ने 2023 में शिकायत की थी, लेकिन लोकायुक्त ने करीब दो साल बाद इसे जांच में लिया है। दरअसल, जिस कालखंड का यह मामला है, उस समय शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे। चौहान के जमाने में पोषण आहार का काम महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया था। राज्य में करीब 4.50 लाख स्व-सहायता समूह हैं और इनसे करीब 45 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। सोचिए, इकबाल सिंह बैंस और बेलवाल की जोड़ी ने कितनी मेहनत की होगी कि शिवराज जहां जाते थे, बहनों की भीड़ ही भीड़ दिखाई पड़ती थी। इशारे को समझिए, निशाना भी वहीं है।

90 डिग्री का पुल और डबल इंजन की वॉलीबाल

भोपाल में “90 डिग्री” के पुल का दुनिया भर में मजाक बनाया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि डबल इंजन की सरकार ही ऐसा कर सकती है, सिंगल इंजन के बूते की बात नहीं। दिलचस्प यह है कि दोनों इंजन वॉलीबाल खेल रहे हैं। रेलवे कह रहा है कि गलत डिजाइन के लिए राज्य का पीडब्ल्यूडी महकमा जिम्मेदार है, वहीं पीडब्ल्यूडी रेलवे को दोषी ठहरा रहा है। लेकिन अब तक किसी की जवाबदेही तय नहीं हुई है।

TAGGED:jp NaddaLatest_NewsMadhya Pradesh PoliticsVD Sharma
Previous Article Akhilesh Yadav Tej Pratap Video Call ‘कहां से लड़ोगे चुनाव…’, वीडियो कॉल पर अखिलेश यादव और तेज प्रताप के बीच सियासी चर्चा वायरल
Next Article Protest against NMDC एनएमडीसी के दरवाजों पर जायज नारे
Lens poster

Popular Posts

भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामले, छत्तीसगढ़ में हुई पहली मौत, अलर्ट मोड में आया स्वास्थ्य विभाग

द लेंस डेस्क। भारत में COVID 19 की नई लहर ने एक बार फिर लोगों…

By Lens News

प्रोपेगैंडा के खिलाफ भारत का सख्‍त कदम, अब चीनी और तुर्किए मीडिया अकाउंट्स भी बैन

नई दिल्ली। भारत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ…

By Lens News Network

निगम, मंडल, आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को कैबिनेट और राज्य मंत्री का दर्जा

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने कई निगम, मंडल और आयोगों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को कैबिनेट…

By दानिश अनवर

You Might Also Like

अन्‍य राज्‍य

कर्नाटक में जालसाजी कर वोट हटाने की जांच ठप्प, आयोग ने नहीं दिया डाटा

By आवेश तिवारी
Indian TV Journalism
देश

टीवी ऑन, पत्रकारिता ऑफ!

By आवेश तिवारी
Sansad Ratna
लेंस रिपोर्ट

संसदीय कार्य मंत्री ने बांटे चिरकुट अवार्ड, सांसदों ने अपनी पीठ थपथपाई

By The Lens Desk
Abusive words for PM Modi
देश

वोटर अधिकार यात्रा के मंच से पीएम मोदी के लिए अपशब्‍द पर घमासान

By आवेश तिवारी

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?