बिलासपुर। आम आदमी पार्टी ने बिजली की समस्या को लेकर बिलासपुर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद बिलासपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान पार्टी के नेता जसबीर सिंह ने 1 जुलाई से बिजली दर में वृद्धि और अघोषित कटौती पर कहा कि बिजली दर की वृद्धि से आम जनता पर हर माह अतिरिक्त भार पड़ेगा। बिजली कंपनी को ऐसा नहीं करना चाहिए। अघोषित बिजली कटौती से जनता को तमाम तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ देश के ऐसे 5 प्रदेशों में शामिल है जो देश भर के राज्य को बिजली बेचते हैं।
पार्टी नेताओं ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ ने 1000 मेगावाट की बिजली का अनुबंध तेलंगाना से किया हैI फिर भी, नियामक आयोग “घाटे” का हवाला देकर दरों में वृद्धि करने की बात कह रहा है जो तर्कसंगत नहीं है। जिस प्रदेश के नागरिकों को मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए, उस प्रदेश के नागरिकों को अब सबसे महंगी बिजली मिलनी जा रही I
इस प्रदर्शन के दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष और अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने कहा कि बिजली दर बढ़ाने के पीछे ट्रांसपोर्टिंग बड़ी वजह है। सरकार गुजरात की कंपनी अदानी को 780 रुपए दे रहे हैं, जबकि उसी काम को गुजरात की कंपनी 350 रूपये में दूसरे ट्रांसपोर्टेरों को देती है। मतलब सरकार ने जानबूझकर ज्यादा रेट में काम दिया हुआ है। सरकार को अपने खर्चो में कटौती करनी चाहिए। आप बिजली कंपनियों के खर्चे कम नहीं कर रहे, जिसकी भरपाई छत्तीसगढ़ की जनता से बिजली दर में बढाकर की जा रही है। बिल में हर माह ऊर्जा प्रभार के साथ अनेक गैरजरुरी चार्ज लिए जातें हैं।
पार्टी के संजय गढ़ेवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार को बिजली दर वृद्धि के फैसले को वापस लेना चाहिए और प्रदेश के उपभोक्ताओ को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए। यही छत्तीसगढ के विकास का सार्थक मूल हैं I
पार्टी के युवा विंग के अध्यक्ष नुरुल हुदा ने कहा कि यदि सरकार बढ़ी हुई बिजली दर को वापिस नहीं लेती है और अगर असमय बिजली कटौती करती है तो आने वाले समय में आम आदमी पार्टी आम जनता के लिए सड़क की लड़ाई लड़ेगी।