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दुनिया

अरबों हिन्दुस्तानियों के सपनों को लेकर अंतरिक्ष की उड़ान पर निकले शुभ्रांशु

The Lens Desk
The Lens Desk
Published: June 25, 2025 11:45 AM
Last updated: June 25, 2025 1:28 PM
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SHUBHRANSHU SHUKLA
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नासा और इसरो का संयुक्त मिशन Axiom-04 अंतरिक्ष की ओर प्रस्थान कर चुका है। स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सहित चार लोगों को लेकर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भर चुका है। यह अंतरिक्ष यान कल शाम 4 बजे (अमेरिकी समयानुसार सुबह 7 बजे) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेगा।

खबर में खास
लखनऊ के पोस्ट ब्वाय बने शुक्लाखिलौनों के साथ अंतरिक्ष यात्रीशुभ्रांशु के हीरो राकेश शर्मा

नासा के फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से शुरू हुए Axiom-04 मिशन की पहली तस्वीर भी जारी हो चुकी है। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS की यात्रा शुरू कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। शुभांशु ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार होकर कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुए।

अंतरिक्ष यात्रा पर जाने से पहले शुभांशु ने अपने माता-पिता से कहा, “मेरी प्रतीक्षा करना, मैं जल्द लौटूंगा।” मिशन की लॉन्चिंग से पहले उनकी मां ने वीडियो कॉल के जरिए उन्हें दही-चीनी खिलाया और परिवार के सभी सदस्यों ने उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दीं।

अंतरिक्ष यात्री आमतौर पर हल्के सामान के साथ यात्रा करते हैं क्योंकि हर एक किलो वजन मिशन की लागत में जुड़ता है लेकिन ग्रुप कैप्टन शुभ्रांशु शुक्ला (SHUBHRANSHU SHUKLA) के बैग में कुछ भारी चीजें पहुंच गई हैं जी हां वह मिठाई के डिब्बे हैं । शुभ्रांशु आज कुछ ही समय में अंतरिक्ष की उड़ान पर होंगे। वायु सेना पायलट अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रचने जा रहा है।

नासा ने घोषणा की थी कि भारतीय समयानुसार 12 बजकर 1 मिनट पर एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरेगा। बीबीसी के अनुसार एक्स-4 का नेतृत्व नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन करेंगी – जो एक अंतरिक्ष अनुभवी हैं, जो दो बार ISS की कमांडर रह चुकी हैं, अंतरिक्ष में सैकड़ों दिन बिता चुकी हैं और 10 बार अंतरिक्ष में चहलकदमी कर चुकी हैं।
एक्स-4 का संचालन ग्रुप कैप्टन शुक्ला कर रहे हैं, जिनकी यह यात्रा अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के 41 वर्ष बाद हो रही है , जो 1984 में रूसी सोयूज से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने थे। उन्होंने वहां लगभग आठ दिन बिताए थे।

अंतरिक्ष की उड़ान पर शुभ्रांशु | The Lens#ShubhanshuShukla #IndianAstronaut #AxiomMission4 pic.twitter.com/VEyXRGoU36

— The lens (@thelens_in) June 25, 2025

लखनऊ के पोस्ट ब्वाय बने शुक्ला

न्यूज एजेंसी रायटर्स का कहना है कि एक्स-4 टीम में पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी शामिल हैं। वे भी चार दशकों के बाद अपने देशों को अंतरिक्ष में वापस ले जाएँगे।

नासा, इसरो और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के बीच सहयोग से, ह्यूस्टन स्थित निजी कंपनी एक्सिओम स्पेस द्वारा बुधवार की उड़ान को फाल्कन 9 रॉकेट पर स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल का उपयोग करके लॉन्च किया जाएगा।
इस मिशन में ग्रुप कैप्टन शुक्ला को शामिल किए जाने से भारत में काफी रुचि पैदा हुई है और उनके गृह नगर लखनऊ में अंतरिक्ष यात्री के पोस्टर लगाए गए हैं।

एक्सिओम स्पेस का कहना है कि अपने दो सप्ताह के मिशन के दौरान, चालक दल अपना अधिकांश समय 60 वैज्ञानिक प्रयोगों को करने में व्यतीत करेगा, जिनमें से सात प्रयोग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा डिजाइन किए गए होंगे।अंतरिक्ष की ओर जाते हुए ग्रुप कैप्टन शुक्ला कहते हैं, “मैं सिर्फ यंत्र और उपकरण ही नहीं ले जा रहा हूं, मैं अरबों दिलों की उम्मीदें और सपने भी ले जा रहा हूं।”

खिलौनों के साथ अंतरिक्ष यात्री

ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में, अंतरिक्ष यात्रियों ने, जो यात्रा की तैयारी के लिए क्वारंटीन में रह रहे थे, जॉय नाम के एक खिलौने को दिखाया। यह एक छोटा, सफेद खिलौना हंस हैं जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वह Ax-4 पर “पांचवां चालक दल का सदस्य” होगा।
एक्सिओम के अनुसार, जॉय “एक्स-4 चालक दल के लिए एक प्यारे साथी से कहीं अधिक होगा” और उनके “शून्य-G संकेतक” के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करेगा।

“प्रक्षेपण के तुरंत बाद चालक दल द्वारा इसका उपयोग एक संकेतक के रूप में किया जाएगा, ताकि भौतिक रूप से पुष्टि हो सके कि वे सूक्ष्मगुरुत्व में परिवर्तित हो चुके हैं।”

पांच इंच लंबे खिलौने का अनावरण करते हुए कमांडर व्हिटसन ने कहा कि अपनी सुंदरता और शान के लिए प्रसिद्ध इस हंस को चालक दल के सदस्यों द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए देशों में इसके सांस्कृतिक महत्व के कारण चुना गया था।
“भारत में यह ज्ञान और पवित्रता का प्रतीक है, जो सत्य की खोज को दर्शाता है। पोलैंड में हंस पवित्रता, निष्ठा और लचीलेपन का प्रतीक है, जबकि हंगरी में यह निष्ठा, शालीनता और प्रकृति की सुंदरता का प्रतीक है।”

ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने कहा कि भारतीय संस्कृति में हंस को विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती का वाहन भी माना जाता है।
उन्होंने कहा, “हंस को अंतरिक्ष में ले जाने का अर्थ है, दबाव के बावजूद ज्ञान की खोज, उद्देश्य की स्पष्टता और शालीनता को साथ लेकर चलना।”

शुभ्रांशु के हीरो राकेश शर्मा

ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के पहले व्यक्ति, अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा को अपना हीरो बताया है।
शर्मा ने 1984 में रूसी सोयुज अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष गये थे और उन्होंने पृथ्वी की परिक्रमा लगभग आठ दिन तक की थी।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला, जिनका जन्म एक साल बाद 1985 में हुआ था, कहते हैं: “मैं उनके बारे में पाठ्यपुस्तकों में पढ़कर और उनकी कहानियाँ सुनकर बड़ा हुआ हूँ। मैं उनसे बहुत अधिक प्रभावित था।”

उन्होंने श्री शर्मा को “मेरे लिए एक प्रकार का मार्गदर्शक बताया, जो मुझे कई चीजों पर सलाह दे रहे हैं, जिसमें इस मिशन की तैयारी करना भी शामिल है।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि वह अपने गुरु के लिए आई.एस.एस. तक कुछ ले जा रहे हैं और उनके लौटने पर वह उसे उन्हें भेंट करेंगे। उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि यह स्मृति चिन्ह क्या होगा तथा कहा कि “यह एक आश्चर्य होगा”

TAGGED:ASTRONAUT INDIANAxiom-04ISRONASASHUBHRANSHU SHUKLATop_News
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