[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
श्रम कानून के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का कल देशभर में प्रदर्शन
भूपेश बघेल ने चुनाव आयोग को बताया ‘केचुआ’, कहा – पहली बार देखा केचुआ की वजह से किसी की मौत हुई
SIR के खिलाफ ममता की हुंकार- ‘मेरे साथ खेलने की कोशिश मत करना, तुम हार जाओगे’
सर्वधर्म स्थल में प्रवेश करने से इंकार करने वाले सैन्य अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार
आरक्षण पर आईएएस संतोष वर्मा ने ऐसा क्‍या कह दिया कि ब्राह्मण समाज को नागवार गुजरा?
अयोध्‍या: पीएम मोदी ने राम मंदिर पर फहराई धर्म ध्‍वजा, बताया- भारतीय सभ्यता के पुनर्जन्म का प्रतीक
सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल की अग्रिम जमानत याचिका और देशभर की FIR क्लबिंग की याचिका की खारिज
जस्टिस नागरत्ना की असहमति में दम होता तो अन्य जज भी उसे स्वीकारते, बोले पूर्व सीजेआई
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिड़मा के नारों पर साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी की सफाई
जशपुर में एक मिशनरी स्कूल की नाबालिग छात्रा ने हॉस्टल में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में प्रिंसिपल पर छेड़छाड़ का आरोप
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
छत्तीसगढ़

जो इस डॉक्टर के होने का मतलब ना जान सके

रुचिर गर्ग
रुचिर गर्ग
Published: June 24, 2025 7:37 PM
Last updated: June 24, 2025 9:06 PM
Share
Dr. Rakesh Gupta
SHARE

विशेष टिप्पणी – रुचिर गर्ग

4 अप्रैल 2004 की सुबह–सुबह की बात है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए थे। उन्हें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल लाया गया था। उनकी स्थिति गंभीर थी। कुछ जरूरी चिकित्सकीय जांच के लिए उनका कुर्ता उतारा जाना था।तब जो गिने चुने लोग अस्पताल पहुंच पाए थे उनमें शहर के वरिष्ठ कान, नाक, गला विशेषज्ञ और कांग्रेस पार्टी के नेता डॉ. राकेश गुप्ता भी थे।

जोगी जी डॉ. राकेश गुप्ता से व्यक्तिगत तौर पर बहुत स्नेह करते थे। एक योग्य चिकित्सक होने के नाते ही नहीं कांग्रेस पार्टी के प्रति उनके समर्पण और सक्रियता के कारण भी।

जोगी जी अस्पताल में उस कठिन समय में डॉ.राकेश की कही बातें मान रहे थे।तब, जब वो जीवन और मृत्यु से लड़ रहे थे, उन्होंने हल्की मुस्कुराहट के साथ कहा – राकेश मेरे कुर्ते की बांई जेब में चॉकलेट है वो तुम्हारे लिए है और दाईं जेब में पर्स रखा हुआ है उसे अपनी भाभी (पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी) को दे देना।

दो दशक पुरानी इस घटना को याद दिलाने से आज छत्तीसगढ़ में डॉ.राकेश गुप्ता की पहचान में नया कुछ नहीं जुड़ जाएगा, लेकिन पता नहीं ये किसकी जिम्मेदारी थी जो कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट को यह समझाता कि रायपुर में डॉ.राकेश गुप्ता के होने का मतलब क्या है!

अगर सचिन पायलट डॉ.राकेश गुप्ता को डॉ. राकेश गुप्ता की तरह जान रहे होते तो उन्हें मालूम होता कि इस राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल,1984 में यानि आज से करीब चालीस साल पहले जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.राकेश गुप्ता के नेतृत्व में हुए संघर्ष का परिणाम था। इस राज्य के गरीबों के इलाज का बोझ यही अस्पताल वहन करता है। ये अस्पताल आज छत्तीसगढ़ में सरकारी क्षेत्र में स्वास्थ्य की सबसे बड़ी ताकत है।

रायपुर में सात सौ बिस्तर अस्पताल के लिए डॉ. राकेश गुप्ता के नेतृत्व में जूनियर डॉक्टर्स का संघर्ष

तब के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने करीब महीना भर चले इस आंदोलन के बाद,जिससे पूरा शहर,पूरा छत्तीसगढ़ जुड़ा था, डॉ.राकेश गुप्ता को खुद फोन पर अस्पताल की मांग पूरी करने की सूचना दी थी।

तब संभवतः श्री पायलट सात या आठ साल के रहे होंगे।

रायपुर में निर्माणाधीन सात सौ बिस्तर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे त्तकालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा। साथ में डॉ राकेश गुप्ता। तस्वीर में तब के छात्र नेता सांसद बृजमोहन अग्रवाल भी नजर आ रहें हैं।

इन चालीस वर्षों में डॉ.राकेश गुप्ता को जानने वाले जानते हैं कि वो सुबह सो कर उठते हैं तो अपने मरीज और अपनी पार्टी की चिंता एक साथ करते हैं।

ताज्जुब है कि लंगड़े घोड़े तलाश रही पार्टी में से किसी ने पार्टी के प्रभारी महासचिव को बताया नहीं कि डॉ. राकेश गुप्ता किस प्रजाति के घोड़े हैं।

हां, बताया जाता है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जरूर डॉ. राकेश गुप्ता की भूमिका को जानते हैं।

दरअसल यह सारी चर्चा इसलिए कि सोमवार को रायपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की एक बैठक के दौरान श्री पायलट ने कथित रूप से डॉ. राकेश गुप्ता से जिस अपमानजनक अंदाज में संवाद किया वो बड़ी चर्चा का विषय है।एक से अधिक पार्टी नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि सचिन पायलट डॉ.राकेश गुप्ता से कहते सुने गए कि आप दिल्ली आइए आपकी जांच करवाता हूं! यह भी बताया गया कि सचिन पायलट को इस बात पर ऐतराज था कि डॉ.राकेश गुप्ता उस बैठक में किसी सहयोगी को कोई सलाह क्यों दे रहे थे!

इस बैठक में और भी नेताओं के साथ सचिन पायलट के ऐसे ही संवाद की चर्चा है।

वैसे तो कांग्रेस पार्टी की बैठक के भीतर की यह बात कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है।इस बातचीत की कोई आधिकारिक जानकारी भी हो नहीं सकती लेकिन जब बैठक के विवरण आम चर्चा का विषय बन जाएं तो यह जानते हुए कि आधिकारिक तौर पर सिवाय खंडन के और कुछ नहीं मिलेगा,इस पर बात हो जानी चाहिए कि इस शहर और इस राज्य के लिए डॉ.राकेश गुप्ता कौन हैं ?

डॉ.राकेश गुप्ता दिल्ली के किसी सात सितारा होटल के कोने में मंडली जमा कर राजनीति करने वाले नेता नहीं बल्कि सड़क पर पसीना बहाने वाले कार्यकर्ता हैं, जो संघर्षों में आस्था रखने वाली किसी भी पार्टी की ताकत होते हैं।

कोविड की महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना सैकड़ों मरीजों की उन्होंने जिस तरह भागदौड़ कर मदद की,अपने अस्पताल से लेकर शहर के ,राज्य के अस्पतालों में इलाज में जैसी मदद करवाई उसे वही जानते हैं जिन्होंने यह सब करीब से देखा हो।

राज्य में ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे को अदालत की चौखट तक ले जाने से लेकर निजी अथवा सरकारी डॉक्टरों के हित की हर लड़ाई में डॉ.राकेश गुप्ता खड़े नजर आएंगे।

डॉ.राकेश गुप्ता को अपनी सरकार के समय भी जनहित के मामलों में विरोध का झंडा उठाने से परहेज नहीं होता है।यह दर्ज है।

डॉ.राकेश गुप्ता के पास अपने पेशे को बड़े व्यवसाय की तरह चलाने का भी विकल्प था लेकिन किसी कांग्रेस नेता को जानना चाहिए कि उनके अस्पताल में इलाज की लागत क्या है और अस्पताल के जरिए वो बिना शोर किए कितनी समाजसेवा कर लेते हैं ! डॉ.राकेश गुप्ता इस राज्य में प्रगतिशील धारा के भी उतने ही सहज साथी है।उनका नाता कर्मचारी आंदोलनों से भी है।यह सब लिखना बहुत लम्बा होगा।

असल में ये जिम्मेदारी उन नेताओं की है जिन्हें सचिन पायलट को बताना चाहिए कि कौन लंगड़ा घोड़ा है और कौन कभी अपनी ही पार्टी की सरकार को गिराने के यज्ञ में तेजी से दौड़ लगाता और गिर पड़ा घोड़ा!

उस बैठक में सचिन पायलट के अपनी ही पार्टी के नेताओं से संवाद का आधिकारिक वर्शन अलग होगा यह तो तय है लेकिन जो चर्चाएं हर ज़बान पर हैं वो बताती हैं कि ये किसी नेता का स्वस्थ और पेशेवर राजनीतिक अंदाज नहीं हैं!

बैठक में हुए अपमानजनक व्यवहार के बाद डॉ.राकेश गुप्ता या उन जैसा कोई समर्पित, ईमानदार कार्यकर्ता रात भर सो ना सके, सुबह से ठीक से मरीज ना देख सके, पार्टी के लिए आज क्या काम करना है यह तय करने में हाथ कांपे तो इससे छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं–कार्यकर्ताओं को, माफ कीजिए लंगड़े और दौड़ने वाले घोड़ों को, ना जानने वाले सचिन पायलट का क्या लेना–देना है ?

हां एक बात और, तब रायपुर में सात सौ बिस्तर आंदोलन में जूनियर डॉक्टर्स के साथ कंधे से कंधा मिला कर लड़ रहे बृजमोहन अग्रवाल कई बार मंत्री हो चुकने के बाद आज रायपुर के सांसद हैं।

TAGGED:Big_NewsCongressDr. Rakesh GuptaRuchir Garg
Previous Article Politics of revenge in emergency इमरजेंसी में प्रतिशोध की राजनीति : गांधीवादी उद्योगपति के यहां डलवा दिए गए थे आयकर के छापे!
Next Article Nagarnar Steel Plant नगरनार स्टील प्लांट ने सालों से काम कर रहे मजदूरों को निकाला, भाजपा नेत्री ने कहा- बस्तर में विकास नहीं विनाश हो रहा
Lens poster

Popular Posts

ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई क्रॉस फायरिंग में सेना का एक जवान शहीद

दिल्ली। भारत- पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव बना हुआ है। भारत ने पाकिस्तान के…

By Lens News

The Lens Podcast 9 May 2025 | सुनिए देश-दुनिया की बड़ी खबरें | The Lens | The Lens | The Lens

By Amandeep Singh

बिलासपुर हाईकोर्ट ने गांवों में पादरियों के प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर लगाए गए होर्डिंग्स को संवैधानिक बताया

CG NEWS: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों का हवाला देते…

By आवेश तिवारी

You Might Also Like

छत्तीसगढ़

आंधी-तुफान के बाद छत्‍तीसगढ़ के कई इलाकों में अंधेरा, देर रात तक चला मेंटनेंस

By Lens News
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में मल्लिकार्जुन खड़गे की बड़ी सभा, प्रभारी सचिन पायलट ने लिया तैयारियों का जायजा

By Lens News
Chaitanya Baghel
छत्तीसगढ़

ED का बड़ा खुलासा, चैतन्य बघेल को घोटाले से मिले 16 करोड़ 70 लाख को रियल स्टेट में किया निवेश

By नितिन मिश्रा
छत्तीसगढ़

पत्नियों ने लड़ा पंच का चुनाव, सचिव ने पतियों को दिला दी शपथ, देखिए वीडियो

By नितिन मिश्रा

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?