नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
17 हजार वोटों से गोपाल इटालिया जीत गए। गुजरात की विसवादर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की यह चमत्कारिक जीत बेहद अहम है। या यूं कहें कि बीजेपी दिल्ली जीती, उससे बड़ी तकलीफ उसे गुजरात में इस सीट के हारने से हुई होगी। इस सीट पर दो ध्रुवीय चुनाव हुआ था।
आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर जिसे टिकट दिया था, पिछले चुनाव में वह भाजपा से आया था। इस सीट पर आम आदमी पार्टी का कुछ था नहीं, तो उसे पार्टी ने टिकट दे दिया और वह जीत गया। फिर बीजेपी ने उसे कहा, इस्तीफा दे दो, बीजेपी से टिकट दे मिलेगा। उसने इस्तीफा दिया और बीजेपी ने फिर उसे टिकट नहीं दिया।
इधर आम आदमी पार्टी ने गोपाल इटालिया को टिकट दिया, फिर पूरी ताकत झोंक दी। पार्टी की ओर से पिछले 2 महीनों से दिल्ली की टीम गुजरात के विसवादर में डेरा डाले हुए थी। उधर BJP ने पैसा, पॉवर समेत पूरी ताकत झोंक दी। BJP ने इस सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था।
मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, गृह मंत्री समेत बीजेपी की पूरी फौज यहां कैंपेन कर रही थी। इस सीट पर गुंडागर्दी करते हुए अराजक तत्वों ने बूथ पर ऐसा आतंक मचाया कि आम आदमी पार्टी ने उस आतंक का जवाब इलेक्शन कमीशन से मांगा और फिर जिन दो बूथों को BJP ने लूटा था, वहां दोबारा वोटिंग हुई।
17 हजार वोटों से आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत हुई है। पूरे गुजरात में चर्चा है। गोपाल इटालिया कोई चांदी का चम्मच लेकर आए नेता नहीं हैं। 24 साल की उम्र में गोपाल इटालिया ने गुजरात पुलिस की नौकरी छोड़कर जनता के लिए आवाज उठाना शुरू किया। आज गुजरात में पटेल आंदोलन से निकले सारे नेता बीजेपी की गोद में हैं। लेकिन उसी आंदोलन का एक चेहरा लाख प्रताड़ना के बाद भी हिला नहीं, टूटा नहीं। दिल्ली से लेकर पंजाब तक गोपाल इटालिया ने अपनी पार्टी के प्रति जिम्मेदारी निभाई।