द लेंस डेस्क। तेहरान के सत्तारखान इलाके में 12 जून को हुए इजरायली हवाई हमले में 24 वर्षीय ईरानी कवयित्री और अंग्रेजी शिक्षिका परनिया अब्बासी और उनके परिवार की मौत हो गई। यह हमला सत्तारखान सड़क पर स्थित ऑर्चिडेह कॉम्प्लेक्स में उनके घर पर हुआ।
परनिया के साथ उनके पिता परविज़ अब्बासी (सेवानिवृत्त शिक्षक), मां मसौमेह शाहरियारी (सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी) और छोटे भाई पहरम अब्बासी (विश्वविद्यालय छात्र) की भी जान चली गई। इस हमले में ईरान में कम से कम 80 लोग मारे गए, जिनमें 20 बच्चे शामिल हैं।
मीडिया खबरों के अनुसार, परनिया को ईरान की नई पीढ़ी की उभरती कवयित्री के रूप में जाना जाता था। उनकी प्रसिद्ध कविता द एक्सटिंग्विश्ड स्टार साहित्यिक पत्रिका वज़्न-ए-दुनिया में प्रकाशित हुई थी। इस कविता में उन्होंने लिखा, “तुम और मैं कहीं खत्म हो जाएंगे, दुनिया की सबसे खूबसूरत कविता चुप हो जाएगी।” एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, “मैं हर घटना को कविता के जरिए व्यक्त करने का मौका मानती हूं।”
परनिया एक अंग्रेजी शिक्षिका थीं और बैंक मेली की केंद्रीय शाखा में कर्मचारी थीं। उनके पास काज़विन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी अनुवाद में डिग्री थी और उन्होंने मैनेजमेंट में मास्टर प्रोग्राम में दाखिला लिया था, जिसे उन्होंने कुछ समय के लिए टाल दिया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमला परमाणु वैज्ञानिक और प्रोफेसर डॉ. अब्दुलहामिद मिनूचेहर को निशाना बनाने के लिए किया गया था, जो उसी इमारत में रहते थे। हाल के इजरायली हमलों में कम से कम छह परमाणु वैज्ञानिकों की मौत की खबर है।