रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज सिविल लाइन स्थित उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे अहम फैसला सोलर पावर को लेकर हुआ, जिसमें 1 किलोवॉट तक के लिए 45 हजार और 3 किलोवाट के लिए 1 लाख 8 हजार तक सब्सीडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को दूसरे अन्य विभागों के भी नौकरी का प्रवधान किया गया है। इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, अक्षय ऊर्जा और शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव, पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समतुल्य और डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समतुल्य मानते हुए राज्य सरकार की ओर से छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति देने का फैसला किया है। इन विद्यार्थियों को छात्रावास और आश्रमों में स्वीकृत सीटों के आधार पर प्रवेश भी मिलेगा।
बाघों के संरक्षण के लिए टाइगर फाउंडेशन सोसायटी
छत्तीसगढ़ में बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए मंत्रिपरिषद ने “छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी” के गठन को मंजूरी दी है। यह सोसायटी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत काम करेगी और स्व-वित्तपोषित होगी। इसका मुख्य लक्ष्य राज्य में घट रही बाघों की संख्या (वर्तमान में 18-20) को बचाना और ईको-पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह संस्था स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर देगी, पर्यावरणीय शिक्षा को बढ़ावा देगी और संरक्षण के लिए बाहरी संसाधनों का उपयोग करेगी। यह पहल जैव विविधता की रक्षा के साथ-साथ पर्यटन को भी मजबूत करेगी।
सोलर रूफटॉप योजना के तहत वित्तीय सहायता
मंत्रिपरिषद ने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरों में सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने के लिए उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) इस योजना को लागू करेगी। 1 किलोवाट सोलर प्लांट के लिए 45,000 रुपये (30,000 रुपये केंद्र और 15,000 रुपये राज्य सहायता) और 3 किलोवाट या अधिक के लिए 1,08,000 रुपये (78,000 रुपये केंद्र और 30,000 रुपये राज्य सहायता) मिलेंगे। 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य है। यह योजना बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ देगी और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देगी।
शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति
मंत्रिपरिषद ने नक्सली हिंसा में शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए अनुकंपा नियुक्ति नियमों में बदलाव किया है। अब शहीद के परिवार के पात्र सदस्य (महिला या पुरुष) को पुलिस विभाग के अलावा किसी अन्य विभाग, जिला या संभाग में नौकरी दी जा सकेगी। पहले यह नियुक्ति उसी विभाग में दी जाती थी, जिसमें शहीद कार्यरत थे।
मंत्रिपरिषद के अन्य निर्णय
- मंत्रिपरिषद ने रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था ‘विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एवं सेवायें, छत्तीसगढ़ (विश्वास)’ को आश्रम में विलय करने का अनुमोदन किया।
- बेमेतरा जिले के साजा तहसील के बेलगांव में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना के लिए 100 एकड़ भूमि उद्यानिकी विभाग को निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
- जशपुर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित ‘JashPure’ ब्रांड के हर्बल और महुआ चाय जैसे उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड को राज्य शासन या CSIDC को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया। इससे स्थानीय कच्चे माल की मांग बढ़ेगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
- नक्सली हिंसा में शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के पात्र सदस्यों को पुलिस विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों और जिलों में अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया। यह पहले की व्यवस्था से अधिक लचीला कदम है।
- गौण खनिजों के अन्वेषण और अधोसंरचना विकास के लिए ‘स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट’ (SMET) के गठन को मंजूरी दी गई। यह ट्रस्ट गौण खनिजों से प्राप्त रॉयल्टी का 2% उपयोग करेगा, जिससे उच्च तकनीकों और मानव संसाधन उन्नयन में सहायता मिलेगी।