नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 समिट छोड़कर समय से पहले निकल गए हैं। कनाडा में आयोजित इस समिट में मोदी और ट्रंप की मुलाकात नहीं हुई है। वहीं बुधवार तड़के से एक खबर साउथ एशिया, खासतौर से भारत और पाकिस्तान के अखबारों और टीवी चैनलों पर सुर्खियों में है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर आज डोनाल्ड ट्रंप के साथ भोजन करेंगे।
इस खबर के चर्चा में आने के तत्काल बाद विदेश सचिव विवेक मिश्री ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री मोदी से डोनाल्ड ट्रंप की फोन पर बातचीत हुई है। असीम की मुलाकात से विपक्ष को मोदी और विदेश नीति पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है। गौरतलब है कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भी प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित नहीं किया गया था। दिलचस्प है कि ट्रंप पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से न मिलकर सेनाध्यक्ष से मिल रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं अपमानित करने की कोशिश
asim munir trump meeting: विदेशी मामलों के जानकार प्रकाश के. रे. कहते हैं, यह दरअसल भारत सरकार को बेइज्जत करने की शर्मनाक कोशिश है, लेकिन इसमें पाकिस्तान का सम्मान है, यह भी नहीं कहा जा सकता। अफगानिस्तान से पैर उखड़ने के बाद अमेरिका साउथ एशिया, सेंट्रल एशिया और मिडिल ईस्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है, यह उसकी कोशिश है। ईरान-इजरायल युद्ध की दृष्टि से यह मुलाकात महत्वपूर्ण है।
मीडिया ने किया था मुलाकात का खंडन
पहले असीम मुनीर की अमेरिकी सेना के स्थापना दिवस पर डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की खबर थी संयोग से डोनाल्ड ट्रंप का जन्मदिन भी उसी मौके पर आयोजित परेड में पाकिस्तानी था। लेकिन उक्त कार्यक्रम में जनरल असीम मुनीर को शामिल न किए जाने की खबर पिछले दिनों भारतीय अखबारों और टेलीविजन में चर्चा में रही लेकिन अब असीम मुनीर डोनाल्ड ट्रंप से मिल रहे हैं। इस बैठक का समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इजरायल और ईरान के बीच छिड़े संघर्ष के दौरान हो रही है।
पाकिस्तान ईरान के साथ एक भूमि सीमा साझा करता है, और युद्ध में एक अग्रिम पंक्ति के राज्य के रूप में इसका जियो पॉलिटिकल स्थान अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर अगर वाशिंगटन सीधे संघर्ष में शामिल होने का फैसला करता है।
पीटीआई कर रही मुनीर की यात्रा का विरोध
मुनीर की यात्रा का विरोध तहरीक-ए-इंसाफ पाकिस्तान से लेकर अमेरिका तक कर रही है। उनके होटल के बाहर और वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास के पास विरोध प्रदर्शन किया गया और पाकिस्तान में “अप्रतिबंधित लोकतंत्र” की बहाली की मांग की गई। प्रदर्शन पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों द्वारा आयोजित किए गए थे, जिन्होंने वाशिंगटन में फोर सीजन्स होटल के बाहर मुनीर की मौजूदगी में नारे लगाए, “असीम मुनीर, तुम कायर हो”, “तुम्हें शर्म आनी चाहिए, सामूहिक हत्यारा” और “तुम्हें शर्म आनी चाहिए, तानाशाह” और “पाकिस्तानियों के कातिल” जैसे नारे घंटों लगाए गए।
ट्रंप ने 13 बार कहा, युद्ध रुकवा दिया
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए घातक आतंकी हमले के बाद भारत के साथ सैन्य संघर्ष के बाद मुनीर की यह पहली आधिकारिक अमेरिकी यात्रा है। इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने युद्ध विराम के लिए व्यापार का सहारा लिया, लेकिन भारत ने इस दावे का खंडन किया।
विपक्ष का तगड़ा हमला
कांग्रेस ने इस मुलाकात को लेकर भाजपा पर तगड़ा हमला बोला है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि असीम मुनीर ने आग लगाने का जो बयान दिया था, उसका सीधा संबंध 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से है। आज इसी व्यक्ति असीम मुनीर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भोजन करने का विशेष निमंत्रण मिला है। हमारा प्रतिनिधिमंडल तो केवल उपराष्ट्रपति से मिल सकता था, लेकिन असीम मुनीर राष्ट्रपति से मिल रहे हैं।
मोदी और ट्रंप की बातचीत का भी मांगा ब्यौरा
जयराम रमेश कहते हैं कि आज खबर आई है कि प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 35 मिनट तक फोन पर बात हुई। राष्ट्रपति ट्रंप ने बातचीत के बारे में जो कहा और हमें जो कहा गया, उसमें जमीन-आसमान का फर्क है। प्रधानमंत्री मोदी, आप एक सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाते हैं? आप विपक्ष को क्यों नहीं बुलाते हैं? आप सर्वदलीय बैठक में कहिए कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड से क्या बात हुई?
अमेरिकी फील्ड मार्शल असीम मुनीर को व्हाइट हाउस से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भोजन करने का निमंत्रण मिला है। असीम मुनीर ने जो भड़काऊ बात कही थी, उसका संबंध सीधा पहलगाम में हुए आतंकी हमले से था। मैं समझता हूं कि व्हाइट हाउस में ऐसे व्यक्ति को भोजन के लिए आमंत्रित करना हमारी कूटनीति और प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 बार यह दावा किया है कि उनकी मध्यस्थता के कारण ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया गया था।
आज विदेश सचिव ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच 35 मिनट तक फोन पर बात हुई। प्रधानमंत्री मोदी को एक सर्वदलीय बैठक रखकर इस बातचीत से विपक्ष के नेताओं को अवगत कराना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी संवाद से क्यों भाग रहे हैं?
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