शुक्रवार से शुरू हुए ईरान और इजराइल के बीच की लड़ाई चौथे दिन भी जारी है। इजरायल के हमलों का ईरान लगातार जवाब दे रहा है। इजरायल ने ईरान के विदेश मंत्रालय को भी निशाना बनाया है। दो दिन पहले इज वहीं, ईरान ने अब तक का सबसे बड़ा हमला इजरायल पर किया है। ईरानी फोर्स ने मध्य इजरायल को निशाना बनाते हुए कई जगहों पर बैलेस्टिक मिसाइलें दागीं हैं। इन हमलों से इजरायल में अब तक दो दर्जन के करीब मौत की खबर सामने आई है। वहीं, ईरान में मरने वालों की संख्या 3 सौ के करीब पहुंच रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार सुबह इसरायली हवाई हमलों में पश्चिमी ईरान की एक ऑयल रिफाइनरी को निशाना बनाया गया। ईरानी मीडिया के मुताबिक, ‘इस हमले में रिफाइनरी के कुछ हिस्सों में आग लग गई और वहां भारी नुकसान हुआ है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है, और आग पर काबू पा लिया गया है।’
इजरायली सेना ने यमन में ईरान समर्थित हूतियों की तरफ से इजरायल में दागी मिसाइलें गिरा दी हैं। बता दें कि सेना ने पहले ही यह जानकारी दे दी थी कि मिसाइलों को मार गिराने के लिए इजरायल का डिफेंस सिस्टम एक्टिव कर दिया गया था।
इससे पहले ईरान की पासदाराने इंकलाब (रिवोल्यूशनरी गार्ड्स) ने बयान जारी किया है। अपने बयान में कहा, ‘हमारी अगली कार्रवाई पहले की गई कार्रवाईयों से कहीं ज्यादा तबाही मचाने वाली, जोरदार और निर्णायक होगी।’ उन्होंने इशारा दिया है कि अगर हमला जारी रहा तो ईरान और भी सख्त और बड़ा जवाब देने को तैयार है।
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स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल मेंर कुछ इलाकों में मिसाइल हमले इतने जोरदार थे कि भूमिगत सुरंगों और बंकरों की दीवारें टूट गईं और लोगों को बाहर निकाला गया।
इस बीच ईरान के संसद अध्यक्ष ने कहा, ‘हमारी कौम, चाहे उनकी नस्लीय पहचान हो या सियासी सोच, दुश्मन के ख़िलाफ़ पूरी तरह से एकजुट है।’ उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि ईरान के अंदर किसी भी मतभेद के बावजूद, जब देश पर हमला होता है, तो पूरा देश एकजुट होकर जवाब देता है।
इस बीच इसरायली विश्लेषक डॉ. एली डेविड ने X पर ईरान के बारे में लिखा, ‘एक नस्लकुश सरकार जानबूझकर आम नागरिकों पर सैकड़ों मिसाइलें बरसाकर उन्हें मारने की कोशिश कर रही है। और दुनिया चुप है, कोई निंदा नहीं कर रहा। क्यों? क्योंकि निशाना यहूदी हैं।’
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