[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
दिशा पटानी के घर फायरिंग करने वाले दोनों बदमाशों का एनकाउंटर, हरियाणा से आए थे वारदात को अंजाम देने
रक्तदान, स्वच्छता अभियान, पौधरोपण के साथ भाजपा का सेवा पखवाड़ा शुरू
सीएम ममता के नए कानून में ऐसा क्‍या है कि कंपनियां पहुंच गईं कोर्ट?
ADR रिपोर्ट बताती है- देश की चौथाई सियासत ‘खानदानी’ है
त्रिपुरा विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष बनने के बाद छत्तीसगढ़ में आयोग के अध्यक्ष पद से हेमंत वर्मा का इस्तीफा
पटना हाईकोर्ट का सख्त आदेश, सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाएं पीएम की मां का AI वीडियो
रायपुर कोर्ट से भीड़ का फायदा उठाकर आर्म्स एक्ट का आरोपी फरार
वरुण चक्रवर्ती की स्‍पिन का जलवा, T20 क्रिकेट में बने नंबर 1
अमेरिकी प्रतिबंध के दबाव में अडानी ने तेल लदे रूसी जहाज को मुद्रा पोर्ट से वापस भेजा
बैंक लूट की सबसे बड़ी घटना, चोरों ने सेना की वर्दी पहन SBI बैंक में रखा करोड़ों का सोना-नकदी लूटा
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

बिहार: सुविधाओं के अकाल से जूझता मुसहर समाज 

Lens News Network
Last updated: June 17, 2025 9:43 pm
Lens News Network
ByLens News Network
Follow:
Share
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के शुरुआती दौरे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राज्य के गया जिला स्थित गहलोर में ‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी के परिवार से मुलाकात की। उनके परिजनों से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने उनके साथ बैठकर नारियल पानी पिया। परिजनों ने भी अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में उन्हें बताया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी ने बोधगया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई है। 

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इस मुलाकात के जरिए राहुल गांधी ने दलित वोट के बीच पैठ बनाने की  शुरुआत की है। दशरथ मांझी जिस जाति से आते हैं, बिहार में उन्हें चूहे खाने वाला ‘मुसहर’ कहा जाता है। मुसहरों की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक हालत दलितों में भी सबसे निचले पायदान पर है। बिहार सरकार ने इन्हें महादलितों की श्रेणी में रखा है।

वर्ष 2000 में राज्य के विभाजन के बाद भी मुसहर बिहार का तीसरा सबसे बड़ा अनुसूचित जाति वर्ग का समूह बना हुआ है। बिहार की राजनीति में उनकी बड़ी उपस्थिति है। सभी पार्टियां दशरथ मांझी के माध्यम से दलित समुदाय को अपनी तरफ लाने की राजनीतिक कवायद करती हैं। 

बिहार सरकार की तरफ से जारी जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में मुसहरों की आबादी 40.35 लाख है, जो राज्य की कुल आबादी का 3.08 प्रतिशत है। बिहार के राजनीतिक और सामाजिक ढांचे में इस जाति की कैसी स्थिति है.. हम इसकी पड़ताल करते हैं। 

देश के पहले मुसहर सांसद के गांव की हालत 

बिहार के मधेपुरा जिले के मुरहो गांव के किराय मुसहर देश की आजादी के बाद 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में राज्पय के पहले दलित सांसद बने। पहले मुसहर और दलित सांसद के गांव में मुसहर समाज की कैसी स्थिति है?

किराय मुहसर के परिवार के सदस्य छोटू ऋषि देव के मुताबिक क्षेत्र के अन्य बड़े नेताओं के मुकाबले आज भी लोग उन्हें सम्मान नहीं देते हैं। गांव के अधिकांश मुसहर परिवार के पास आज भी पक्का घर नहीं है। अभी तक उनके पास कई सरकारी सुविधा नहीं पहुंची है। 

मुसहर टोले में रहने वाला 21 वर्षीय मनीष ऋषि देव ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट किया था और वह विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट देगा। मनीष बताता हैं कि, ‘मेरे समाज के लोगों ने सभी व्यक्ति और पार्टी को वोट दिया, लेकिन आज तक हमारे लिए किसी ने भी कुछ नहीं किया। आज भी हम लोग झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं। विकास के नाम पर इतना हुआ है कि गांव में कुछ रास्ते को छोड़कर लगभग सड़क बन चुकी है।’

जातियों का राजनीतिकरण 

बिहार में लगभग सभी जाति की अपनी पार्टी बन चुकी है। इसी क्रम में मुसहर भुइयां समाज के नेतृत्व की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी हैं। यह पार्टी महादलित समुदाय कहे जाने वर्ग में मजबूत पकड़ रखती है। जीतन राम मांझी, इस समाज के बड़े नेता हैं। उनकी पार्टी की सियासत, अति दलित के इर्द-गिर्द घूम रही है। इस पार्टी की विधानसभा में चार सीटें हैं।

ग्रामीणों के मुताबिक समाज के आज भी कई परिवारों के पास रहने के लिए अपनी जमीन नहीं है। सबसे ताज्जुब की बात है कि किराय मुसहर के परिवार के लोग आज भी झोपड़ी में रह रहे हैं।

हिंदुस्तान आवाम मोर्चा पार्टी सबसे ज्यादा मजबूत गया जिला में है। जहां से जीतन राम मांझी सांसद है। इसी गया जिले के रहने वाले सृजन माखनलाल विश्वविद्यालय से पत्रकारिता करने के बाद सामाजिक सेवा का काम कर रहे हैं। सृजन बताते हैं कि, ‘गरीबी, अस्पृश्यता, भूमिहीनता, अशिक्षा और कुपोषण आज भी मुसहर समाज के साथ जुड़ा हुआ है। कुछ क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो गांव के अलग इलाके में इन्हें बसाया जाता है। दिल्ली और पंजाब में मजदूरी करने के अलावा इनके पास आज भी कोई दूसरा साधन नहीं है। बिहार में मुसहर समाज का दिहाड़ी मजदूर के अलावा कोई अस्तित्व नहीं है।’

इसी गया जिले के बारे में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता धीरेंद्र झा लिखते हैं कि, ‘बिहार का गया जिला दलित–महादलित हत्याओं की राजधानी हो गई है। 2024 के नवंबर महीने में राजकुमार मांझी को मजदूरी मांगने पर पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी।’

मुसहर समाज से आने वाली लोगों के मुताबिक सरकार की कई योजना उनके समाज के लिए फायदेमंद भी साबित हुई है। हालांकि अन्य समाज की अपेक्षा उनके समाज का विकास बहुत कम हो रहा है। 

लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता रामनिवास कुमार लिखते हैं कि, ‘मुसहर समाज की स्थिति बिहार में ऐसे भी समझ सकते हैं कि कुछ दिन पहले नवादा में उनके पुरी बस्ती को जला दिया गया था। वहीं कुछ दिन पहले नवादा के एक विधायक ने मुसहर समाज के बस्ती को जलाकर अपना घर बना लिया था। आज के वक्त में ऐसी घटना से दलितों की स्थिति समझ सकते हैं।’

सरकारी आंकड़ों से समझिए मुसहर समाज की स्थिति

22 अनुसूचित जातियों में आबादी के लिहाज से तीसरे स्थान पर आने वाली मुसहर जाति सामाजिक-आर्थिक लिहाज से  बेहद पिछड़े हुए हैं। जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में आबादी का महज 0.03 प्रतिशत (1379) मुसहरों ने आईटीआई से डिप्लोमा किया है। स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री इतने कम लोगों के पास है कि वे प्रतिशत में भी नहीं आ सके हैं।

मुसहरों में कक्षा एक से 5वीं तक पढ़े लोगों की आबादी कुल आबादी का 23.47 प्रतिशत (9.47 लाख), 6वीं से 8वीं तक पढ़ाई करने वाले मुसहरों की संख्या जनसंख्या का 7.99 प्रतिशत (महज 3.22 लाख) मैट्रिक पास मुसहरों की संख्या उनकी आबादी का सिर्फ 2.44 प्रतिशत (98,420) एवं इंटरमीडिएट पास मुसहरों की संख्या तो सिर्फ 0.77 प्रतिशत (31,184) हैं।

बिहार के महज 20.49 लाख लोग (1.57%) सरकारी नौकरी में हैं। जिसमें मुसहरों जाति की बात करें, तो आबादी का 0.75 प्रतिशत (10,615 लोग) सरकारी नौकरी में है। प्रधानमंत्री आवास योजना एवं इंदिरा आवास योजना के बावजूद मुसहरों की लगभग 45 प्रतिशत आबादी अब भी झोपड़ियों में रहने को मजबूर है। मुसहर परिवारों की आधी संख्या रोजाना 200 रुपये से भी कम कमाती है। इन तमाम आंकड़ों के माध्यम से आपको मुसहर समाज की राजनीतिक एवं सामाजिक स्थिति समझ में आती होगी। 

:: लेखक वरिष्‍ठ पत्रकार हैं ::

TAGGED:bihar kathaTop_News
Previous Article Iran-Israel दिन के उजाले में इजरायल और ईरान की बमबारी, ट्रम्प का दावा – युद्ध आसानी से समाप्त कर सकते हैं
Next Article helicopter crash चारधाम यात्रा में हेली सेवा पर रोक, आखिर क्यों होते हैं बार-बार हेलीकॉप्टर हादसे ?

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

BIG BREAKING : उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा

नई दिल्ली। उपराष्ट्रापति जगदीप धनखड़ ने आज स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया…

By नितिन मिश्रा

जानिए कौन हैं सेबी के नए प्रमुख तुहिन पांडे, जो करेंगे शेयर बाजार की निगरानी

नई दिल्‍ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए चैयरमैन तुहिन कांत पांडे होंगे।…

By The Lens Desk

Terrorism is color-editable

The recently submitted final chargesheet by the NIA in the 2008 Malegaon blasts has taken…

By Editorial Board

You Might Also Like

Rajesh Moonat's PC:
छत्तीसगढ़

कांग्रेस ने हर अच्छी चीज का विरोध किया, बाद में जब वह बन गई तो उसका इस्तेमाल भी किया : मूणत

By Lens News
Refugee crisis
देश

वाघा बार्डर पर जबरिया लाये गए परिवार साबित करें नागरिकता, जानें सुप्रीम कोर्ट ने और क्‍या कहा

By Lens News Network
Firing in US School
दुनिया

अमेरिका में स्कूल की प्रार्थना सभा में गोलीबारी, दो बच्चों की मौत

By आवेश तिवारी
Supreme Court
छत्तीसगढ़

32 सौ करोड़ के शराब घोटाले में 28 अफसरों को सुप्रीम कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

By दानिश अनवर
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?