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सेहत-लाइफस्‍टाइल

गुइलेन बैरे सिंड्रोम के 132 केस, 5 संदिग्ध की मौत

The Lens Desk
The Lens Desk
Published: February 6, 2025 1:06 PM
Last updated: March 6, 2025 3:33 PM
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पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब तक 170 संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है, जिनमें से 132 मामलों की पुष्टि हुई है। वहीं 5 संदिग्धों की मौत का पता चला है। इनमें 62 मरीजों को छुट्टी मिल चुकी है, 61 आईसीयू में हैं, और 20 वेंटिलेटर पर हैं। अब तक जीबीएस के पुणे नगर निगम से 33 मरीज, पीएमसी क्षेत्र में नए जोड़े गए गांवों से 86, पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम से 22, पुणे ग्रामीण से 21 और अन्य जिलों से 08 मरीज हैं।

जीबीएस एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है। इससे कमजोरी, सुन्नता जैसे लक्षणों के साथ गंभीर मामलों में लकवा भी हो सकता है। अगर हम इसके लक्षण की बात करें, तो पैरों से शुरू होने वाली कमजोरी और झुनझुनी के अलावा चलने में कठिनाई से अनियमित हृदय गति और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण हैं। जीबीएस के सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं हैं, लेकिन यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों के बाद उत्पन्न हो सकता है। अगर हम इसके उपचार के बारे में बात करें, तो इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन हॉस्पिटल का उपचार लक्षणों को बेहतर बनाने और बीमारी की अवधि को कम करने में मदद कर सकता है।

इस बीमारी का पता चलने पर रोगियों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है, जहां उनकी गहरी निगरानी की जाती है। सांस लेने में कठिनाई होने पर, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जाता है। प्लाज्मा एक्सचेंज या इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी जैसी इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया जाता है।

जीबीएस के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करें और स्वच्छता बनाए रखें। स्वास्थ्य विभाग ळठै के मामलों की जांच कर रहा है और आवश्यक कदम उठा रहा है। नागरिकों को सतर्क रहने और स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।

TAGGED:Guillain Barre Syndrome
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