इजरायल और ट्रंप को धमकी, कहा- फलस्तीनियों को उनकी ज़मीन से विस्थापित करने के ख्याल को भी बर्दाश्त नहीं करेंगे
रियाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फलस्तीनी राज्य को लेकर सऊदी अरब को लेकर किए गए दावे को गलत ठहराया है। सऊदी अरब ने बुधवार को एक यह स्पष्ट कर दिया है कि वह फलस्तीन राज्य के निर्माण के बिना इजरायल के साथ किसी भी प्रकार के संबंध स्थापित नहीं करेगा। ट्रंप के उन्होंने दावा किया था कि सऊदी अरब अब फलस्तीनी राज्य की मांग नहीं कर रहा है। ट्रंप नेएक चौंकाने वाले बयान में कहा कि अमेरिका युद्ध से तबाह गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और इसका आर्थिक पुनर्विकास करेगा। उन्होंने यह घोषणा इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में की। ट्रंप ने कहा कि फलस्तीनियों को दूसरी जगह बसाने के बाद अमेरिका गाजा पर अपना नियंत्रण स्थापित करेगा।
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा – सऊदी अरब का रुख अटल
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने स्पष्ट तरीके से राज्य की स्थिति की पुष्टि की है। बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब का रुख अटल है, और फलस्तीनियों को उनकी ज़मीन से विस्थापित करने के किसी भी प्रयास को सऊदी अरब स्वीकार नहीं करेगा। बयान में कहा गया, सऊदी अरब फलस्तीनियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में निर्विवाद है, और फलस्तीन राज्य के बिना इजरायल के साथ किसी भी तरह के संबंधों को स्थापित करने की संभावना को पूरी तरह से ख़ारिज करता है।
इजरायल-सऊदी संबंधों पर ठंडा रुख
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इजरायल सऊदी अरब के साथ मिलकर सफल प्रयास करेगा। लेकिन अक्टूबर 2023 में गाजा युद्ध शुरू होने के बाद, सऊदी अरब ने इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने के प्रयासों को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जिससे अरब देशों में इजरायल के आक्रामक रुख के खिलाफ गुस्सा फैल गया।
फिलिस्तीन के अधिकारों का समर्थन
सऊदी अरब ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह फलस्तीन के अधिकारों के समर्थन में खड़ा रहेगा और इजरायल के साथ किसी भी प्रकार के संबंध तब तक स्थापित नहीं होंगे जब तक फलस्तीन राज्य का निर्माण नहीं होता। डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पट्टी पर कब्जे की योजना और सऊदी अरब के स्पष्ट रुख ने इस क्षेत्र में शांति की स्थिति को और जटिल बना दिया है।