द लेंस ब्यूरो/नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने शुक्रवार को फोन पर अपने भारतीय प्रधानमंत्रिक नरेंद्र मोदी को आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है। दोनों पक्ष पिछले दो वर्षों में संबंधों में आई खटास को दूर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। यह आमंत्रण भारत के कूटनीतिक प्रयासों के लिए एक अच्छा संकेत माना जा सकता है।
कार्नी के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई है तथा इस महीने के अंत में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में मिलने की उम्मीद जताई।
पीएम मोदी ने कहा साझा हितों के लिए करेंगे काम
महत्वपूर्ण है कि भारत जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन उसे इसकी वार्षिक बैठक में अतिथि के रूप में आमंत्रित न किए जाने पर देश में राजनीति गरम थी। यह आयोजन 15 से 17 जून तक कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस में आयोजित की जाएगी।मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री (कार्नी) से फोन पर बात करके खुशी हुई… जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।”मोदी ने शुक्रवार को अपने पोस्ट में यह भी कहा कि भारत और कनाडा “नए उत्साह के साथ, आपसी सम्मान और साझा हितों से प्रेरित होकर” मिलकर काम करेंगे।
भारत पर लगाए थे गंभीर आरोप
कनाडा द्वारा भारत पर एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या में शामिल होने और हाल ही में हुए दो चुनावों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करने का आरोप लगाने के बाद द्विपक्षीय संबंध खराब हो गए थे। कनाडा ने अक्टूबर 2024 में कई शीर्ष भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को हत्या से जोड़कर निष्कासित कर दिया और कनाडा में भारतीय असंतुष्टों को निशाना बनाने के व्यापक प्रयास का आरोप लगाया।नई दिल्ली ने आरोपों से इनकार किया है तथा जवाब में उतनी ही संख्या में कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।
भारत कनाडा का बड़ा व्यापारिक साझेदार
भारत कनाडा का 10वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और कनाडा भारत को दालों, जिसमें मसूर दाल भी शामिल है, का सबसे बड़ा निर्यातक है।कार्नी, जो संयुक्त राज्य अमेरिका से अलग व्यापार में विविधता लाने का प्रयास कर रहे हैं, ने कहा कि जी-7 द्वारा भारत को आमंत्रित करना उचित है, क्योंकि यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अनेक आपूर्ति श्रृंखलाओं के केंद्र में है।