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दुनिया

ट्रम्प ने दक्षिण अफ्रीका पर ‘रिवर्स रेसिज्म’ का लगाया आरोप, दावा निकला गलत

पूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
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Published: May 24, 2025 6:21 PM
Last updated: May 24, 2025 6:21 PM
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द लेंस डेस्क। 21 मई 2025 को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और दक्षिण अफ्रीका ( AMERICA SOUTH AFRICA )के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बीच हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक ने वैश्विक सुर्खियां बटोरीं। यह मुलाकात जो शुरू में व्यापार और आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए थी अचानक तनावपूर्ण हो गई जब ट्रम्प ने दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के कथित नरसंहार का मुद्दा उठाया। इस घटना ने दोनों देशों के बीच पहले से ही नाजुक रिश्तों को और जटिल कर दिया है।

खबर में खास
बैठक का विवादास्पद मोड़दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के बीच बढ़ता तनावG20 और प्रतिबंधों का प्रभावरामफोसा का संयमित रुख

बैठक का विवादास्पद मोड़

बैठक की शुरुआत दोस्ताना माहौल में हुई जिसमें गोल्फ खनिज संसाधनों और व्यापारिक अवसरों पर चर्चा हुई। दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधिमंडल में मशहूर गोल्फर एर्नी एल्स और रीतिफ गूसेन जैसे श्वेत दक्षिण अफ्रीकी शामिल थे जो संबंधों को बेहतर बनाने की मंशा को दर्शाते थे। हालांकि ट्रम्प ने अचानक माहौल को बदलते हुए एक वीडियो दिखाया जिसमें दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों की कथित हत्याओं को दर्शाया गया था। उन्होंने इसे नरसंहार करार देते हुए दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर श्वेत समुदाय की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया।

रामफोसा ने इस आरोप का शांत और तार्किक तरीके से खंडन किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में अपराध एक गंभीर समस्या है लेकिन यह सभी समुदायों को प्रभावित करता है और अश्वेत लोग हिंसा के सबसे बड़े शिकार हैं। उन्होंने वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच का वादा किया। बाद में सामने आया कि ट्रम्प द्वारा दिखाया गया वीडियो दक्षिण अफ्रीका का नहीं बल्कि कांगो गणराज्य का था जिसमें मानवाधिकार उल्लंघनों से संबंधित दृश्य थे। इस गलती ने ट्रम्प के दावों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए।

बैठक के तनावपूर्ण माहौल के बीच रामफोसा ने हल्के अंदाज में टिप्पणी की- “मेरे पास आपको देने के लिए कतर जैसा कोई लग्जरी विमान नहीं है,” जो कतर द्वारा ट्रम्प को उपहार में दिए गए 400 मिलियन डॉलर के बोइंग 747-8 जंबो जेट की ओर इशारा था। ट्रम्प ने हंसते हुए जवाब दिया, “काश आपके पास होता, मैं इसे स्वीकार कर लेता।” यह क्षण तनाव को कम करने का एक छोटा प्रयास था।

दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब दोनों देशों के संबंध 1994 में रंगभेद समाप्त होने के बाद से अपने निम्नतम स्तर पर हैं। ट्रम्प ने फरवरी 2025 में दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली सभी अमेरिकी सहायता जिसमें HIV/AIDS के लिए PEPFAR कार्यक्रम शामिल था उसे रोक दी थी। इसके अलावा उन्होंने 50 से अधिक श्वेत दक्षिण अफ्रीकी किसानों को अमेरिका में शरण दी यह दावा करते हुए कि उनकी जमीनें जब्त की जा रही हैं और उनकी हत्याएं हो रही हैं।

दक्षिण अफ्रीका ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनका नया भूमि सुधार कानून ऐतिहासिक अन्याय को ठीक करने के लिए है न कि हिंसा को बढ़ावा देने के लिए। दक्षिण अफ्रीकी पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2023 में 49 किसान हत्याएं दर्ज की गईं जो देश की कुल हत्या दर का एक छोटा हिस्सा हैं और इन्हें नस्लीय रूप से प्रेरित नहीं माना गया।

G20 और प्रतिबंधों का प्रभाव

ट्रम्प प्रशासन ने दक्षिण अफ्रीका की G20 अध्यक्षता का बहिष्कार किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फरवरी 2025 में जोहान्सबर्ग में हुई G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा नहीं लिया इसे ‘अमेरिका-विरोधी’ करार देते हुए। इस कदम को दक्षिण अफ्रीका की इजरायल-विरोधी नीतियों और हमास के कथित समर्थन से जोड़ा गया। ट्रम्प के कार्यकारी आदेशों के तहत दक्षिण अफ्रीका पर लगाए गए प्रतिबंधों और 30% टैरिफ ने दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रभावित किया है जो अमेरिका को दक्षिण अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनाता है।

रामफोसा का संयमित रुख

रामफोसा ने बैठक के बाद 22 मई 2025 को वाशिंगटन में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को पुनर्जनन करना था। उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल में शामिल श्वेत दक्षिण अफ्रीकियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति इस बात का सबूत है कि कोई नरसंहार नहीं हो रहा। उन्होंने ट्रम्प से आग्रह किया कि वे दक्षिण अफ्रीका के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें।

यह घटना दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों के लिए एक चुनौती बन गई है। दक्षिण अफ्रीका ने ट्रम्प के आरोपों को भ्रामक करार दिया है, जबकि ट्रम्प ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की धमकी दी है। भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंधों का सुधार इस बात पर निर्भर करेगा कि ये मुद्दे कैसे संबोधित किए जाते हैं।

TAGGED:AMERICA SOUTH AFRICAMINERALSTop_NewsTRUMP SOUTH AFRICAWHITE HOUSE
Byपूनम ऋतु सेन
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पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
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