[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
इंडिगो ने कहा ‘अब तक 610 करोड़ रिफंड 3000+ बैग लौटाए’ पर आज भी 650 फ्लाइट्स कैंसिल, सरकार ने अब तक नहीं की है कंपनी पर कोई कार्रवाई
विक्रम भट्ट गिरफ्तार, 30 करोड़ की बायोपिक धोखाधड़ी में साली के घर से पकड़े गए मशहूर फिल्ममेकर
अडानी ने 820 करोड़ में प्राइम एयरो का ट्रेनिंग सेंटर खरीदा, कांग्रेस ने कहा यह है उड़ान संकट की वजह
हैदराबाद में जन सम्मेलन, कार्यकर्ताओं ने ठाना ‘फासीवाद को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे’
छत्तीसगढ़ पंजीयन कर्मियों का महाआंदोलन कल, OP चौधरी को खुली चेतावनी
स्मृति मंधाना ने आखिरकार पलाश मुछाल के साथ शादी तोड़ी, सोशल मीडिया पर दोनों ने किया पोस्ट
मौसम ने फिर ली करवट, दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, शीतलहर ने बढ़ाई परेशानी
इंडिगो की आज भी 350 से ज्यादा उड़ानें रद्द, DGCA ने लगाई सख्ती, CEO पर हो सकती है कार्रवाई
गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने से कम से कम 25 लोगों की मौत
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का सवाल – मुख्य सचिव की संविदा डॉक्टर पत्नी की नौकरी पक्की, बाकी की क्यों नहीं?
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

सरकार में विचार की कमी है

Editorial Board
Editorial Board
Published: May 23, 2025 8:40 PM
Last updated: May 23, 2025 8:40 PM
Share
Criminal defamation
SHARE

छात्र-छात्राओं की खुदकुशी के मामलों में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पूछा है कि एक राज्य के रूप में आपने क्या किया? केवल कोटा में ही विद्यार्थी क्यों आत्महत्या कर रहे हैं? और क्या एक राज्य के रूप में आपने इस पर कोई विचार नहीं किया है? सचमुच यह बहुत दयनीय स्थिति है, जब न्यायपालिका को विधायिका और कार्यपालिका दोनों को याद दिलाना पड़ रहा है कि एक राज्य की अपने विद्यार्थियों के प्रति संवैधानिक जिम्मेदारियां क्या हैं? हाल के वर्षों में अपने कोचिंग संस्थानों के लिए चर्चा में आए कोटा से छात्र-छात्राओं के आत्महत्या कर लेने की जितनी घटनाएं सामने आई हैं और लगातार आ रही हैं, उससे तो राज्य सरकार के सारे तंत्र को हरकत में आ जाना चाहिए था। बात सिर्फ कोटा की नहीं है, देश के किसी भी हिस्से से किसी विद्यार्थी के आत्महत्या कर लेने की घटना गहरी चिंता में डालती है। सुप्रीम कोर्ट अभी कोटा में एक छात्रा और खड़गपुर में एक छात्र की आत्महत्या से जुड़े मामलों में सुनवाई कर रहा है और इन दोनों ही मामलों में पुलिस और संबंधित संस्थानों का रवैया बेहद लचर और असंवेदनशील है। खगड़पुर के मामले में जहां पुलिस ने चार दिन बाद एफआईआर दर्ज की, वहीं कोटा के मामले में तो इसे भी जरूरी नहीं समझा गया। यह स्थिति तब है, जब इसी साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने आत्महत्या की घटनाओं से चिंतित होकर विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या को लेकर एक आयोग तक का गठन किया है। आयोग तो अपना काम करेगा और कर ही रहा है, बात राज्य की जवाबदेही की है और विडंबना यह है कि उसके पास अभी इतिहास को दुरुस्त करने जैसा जरूरी काम पड़ा हुआ है!

TAGGED:KOTA SUICIDELens Abhimat
Previous Article Aandolan Ki khabar यूपी में विद्युतकर्मियों ने खोला मोर्चा, निजीकरण के खिलाफ आंदोलन तेज
Next Article Another storm brewing in the Bay of Bengal
Lens poster

Popular Posts

ननकी राम का सनसनीखेज आरोप – विवाद खड़ा करने के लिए बेटे को शराब पिलाई

DGP को चिट्ठी - कोरबा अपर कलेक्टर रायपुर में क्या कर रहे थे, जांच करें…

By दानिश अनवर

इलाज में आड़े आया धर्म, सरकारी डॉक्‍टर पर गर्भवती ने क्‍या लगाया आरोप?

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला महिला अस्पताल में एक महिला चिकित्सक…

By आवेश तिवारी

श्रम संहिता के विरोध में ट्रेड यूनियन, 26 नवंबर को बड़ा प्रदर्शन

रायपुर। देश की दस बड़ी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की ओर से लागू…

By Lens News

You Might Also Like

PM Modi Speech
लेंस संपादकीय

लालकिले से आरएसएस की तारीफ

By Editorial Board
Bilaspur train accident
लेंस संपादकीय

बिलासपुर में ट्रेनों की टक्करः सांस्थानिक लापरवाही का नतीजा

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

सवाल जवाबदेही का

By Editorial Board
child laborers in Chhattisgarh
लेंस संपादकीय

उन बच्चों को स्कूल में होना चाहिए

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?