द लेंस डेस्क। मूडीज रेटिंग्स ( MOODIES RATINGS )की एक ताजा रिपोर्ट सामने आयी है जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से खड़ी रहेगी। मजबूत घरेलू मांग, सरकारी पहल और निर्यात पर सीमित निर्भरता भारत को वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाती है। जबकि पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत के साथ तनाव और वैश्विक व्यापार व्यवधानों के कारण आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
मूडीज ने घटाया विकास अनुमान, फिर भी भारत अव्वल
मूडीज ने इस महीने की शुरुआत में 2025 के लिए भारत के आर्थिक विकास अनुमान को 6.7% से घटाकर 6.3% कर दिया था। इसके बावजूद यह अनुमान जी-20 देशों में सबसे अधिक है । मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी खपत को बढ़ावा देने मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने और बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च जैसी पहलें वैश्विक मांग में कमी को संतुलित करने में मदद करेंगी।
पाकिस्तान पर तनाव का असर
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का भारत की अर्थव्यवस्था पर सीमित प्रभाव पड़ेगा क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक संबंध न्यूनतम हैं। मूडीज ने बताया कि भारत के प्रमुख कृषि और औद्योगिक क्षेत्र तनावग्रस्त सीमावर्ती इलाकों से भौगोलिक रूप से काफी दूर हैं जिससे आर्थिक गतिविधियों में बड़े व्यवधान की आशंका नहीं है। दूसरी ओर पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था पर भारत के साथ तनाव का गहरा असर पड़ सकता है क्योंकि वह पहले से ही आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है।

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में कमी से ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ेगी जो भारत की अर्थव्यवस्था को और समर्थन देगी। इससे बैंकिंग सेक्टर की कर्ज संबंधी समस्याएं कम होंगी और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा व्यक्तिगत आयकर में कटौती और बुनियादी ढांचे पर बढ़ता खर्च भी जीडीपी वृद्धि को गति दे रहा है।
ऑटो सेक्टर पर खतरा
भारत की अर्थव्यवस्था की वैश्विक व्यापार पर सीमित निर्भरता और इसका मजबूत सेवा क्षेत्र अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करता है। हालांकि, ऑटोमोबाइल सेक्टर, जो अमेरिका को निर्यात करता है, इस सेक्टर को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लंबे समय तक भारत-पाक तनाव जारी रहने पर उच्च रक्षा खर्च भारत की वित्तीय स्थिति पर दबाव डाल सकता है ।
मूडीज ने भारत की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार का बुनियादी ढांचे पर ध्यान और निजी उपभोग को बढ़ावा देने वाली योजनाएं वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत को स्थिर रखेंगी। भारत का मजबूत सेवा क्षेत्र और आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदम इसे वैश्विक व्यापार व्यवधानों से बचाने में मदद करेंगे।