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अन्‍य राज्‍य

झारखंड ACB ने क्यों किया दो IAS को गिरफ्तार? जानिए दोनों का छत्तीसगढ़ से क्या है कनेक्शन?

नितिन मिश्रा
नितिन मिश्रा
Byनितिन मिश्रा
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Published: May 20, 2025 6:51 PM
Last updated: May 21, 2025 12:20 AM
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Jharkhand Liquor Scam
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रांची। झारखंड शराब घोटाला मामले में झारखंड ACB ने बड़ा एक्शन लिया है। झारखंड के IAS अधिकारी विनय चौबे और पूर्व संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को ACB ने गिरफ्तार किया है। यह मामला साल 2022 में झारखंड में बनी नई शराब नीति से जुड़ा है। आरोप हैं कि इस नीति में कुछ ऐसे बदलाव किए गए थे कि जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के लोगों को फायदा पहुंचा। नई नीति लागू करने से पहले छत्तीसगढ के शराब सिंडिकेट के लोगों के साथ अधिकारियों की मीटिंग हुई थी। फिलहाल ACB इन गिरफ्तार अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। IAS विनय चौबे झारखंड केे सीनियर IAS अधिकारी हैं। चौबे पहले सीएम हेमंत सोरेन के सचिव रह चुके हैं। वर्तमान में विनय चौबे पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं।

छत्तीसगढ EOW ने भी इस मामले में आईएएस अधिकारी विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ईडी ने भी इसी एफआईआर के आधार पर नई ECIR दर्ज की है। ईडी ने झारखंड में आईएएस अधिकारी विनय चौबे और संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह के ठिकानों पर छापा भी मारा था। यहां से कई इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज जब्त किए गए थे।

दरअसल, छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू ने अभियोजन स्वीकृति के लिए झारखंड सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू ने इस कथित घोटाले की जांच केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (CBI) से कराने की मांग की। यह मांग छत्‍तीसगढ़ सरकार ने की है। छत्‍तीसगढ़ सरकार की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। झारखंड शराब नीति घोटाले की जांच छत्‍तीसगढ़ की ईओडब्‍ल्‍यू-एसीबी कर रही थी। सीबीआई की एंट्री के बाद दोनों के गिरफ्तारी की चर्चा थी, जिसके बाद झारखंड एसीबी एक्टिव हुई और उन्होंने सीबीआई या ईडी से पहले ही दोनों अफसरों को गिरफ्तार कर लिया है।

इसे भी पढ़ें : शराब नीति घोटाले की सीबीआई जांच के लिए छत्‍तीसगढ़ सरकार ने क्‍यों की सिफारिश ?

यह भी आरोप है कि उत्पाद नीति लागू होने के दो वर्षों बाद तक झारखंड उत्पाद नीति में छत्तीसगढ़ की एजेंसियां कार्यरत रहीं। नकली होलोग्राम, अवैध शराब की सप्लाई कर झारखंड सरकार को करोड़ों रूपयों का आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया। इस सिंडिकेट में झारखंड में नकली होलोग्राम लगे देशी शराब की बिक्री कर और विदेशी शराब की सप्लाई का काम दिलवाकर उन कंपनियों से करोड़ों रुपये का कमीशन लिया गया था।

ACB ने यह मामला रांची के अरगोड़ा के रहने वाले विकास सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंधक निदेशक अरुणपति त्रिपाठी, रायपुर के बैरन बाजार निवासी अनवर ढेबर व उनके सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश कर झारखंड की आबकारी नीति में बदलाव किया था। झारखंड में देशी और विदेशी शराब के ठेका सिंडिकेट के लोगों को दिलवाकर धोखाधड़ी की और झारखंड सरकार को करोड़ों रूपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाया।

छत्तीसगढ़ की EOW भी झारखंड शराब घोटाला मामले में इन अधिकारियों से आने वाले दिनों में पूछताछ कर सकती है।

TAGGED:ChhattisgarhIAS Vinay ChaubeyJharkhand Liquor ScamJharkhand NewsTop_News
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