इस्राइली नाकेबंदी ने पहले ही फलस्तीनियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रखी हैं और अब उत्तरी गजा में उसके ताजा हवाई हमले में करीब सौ लोग मारे गए हैं। पहले ही मानवीय सहायता को तरस रहे फलस्तीन में सबसे बुरा असर वहां के बच्चों पर पड़ रहा है। बीते दिनों के हमले में ही वहां अनेक बच्चों की मौत हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक फलस्तीन के 71 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। ऐसे में गजा से सुदूर रायपुर से आई एक खबर परेशान करने वाली है, जहां एक लोकल क्रिकेट मैच के दौरान कुछ खिलाड़ियों के गजा और फलस्तीन का समर्थन करने वाली टी-शर्ट पहनने के विरोध में कथित तौर पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव कर दिया। फलस्तीनियों के खिलाफ भारत के किसी शहर में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले रमजान के दौरान फलस्तीनी झंडे लहराए जाने के विरोध में भाजपा समर्थित हिंदू संगठन विरोध कर चुके हैं। मौजूदा दौर में धर्म को लेकर जिस तरह की सियासी बाइनरी बनाई जा रही है, उसमें यह याद दिलाना जरूरी है कि इस्राइल-फलस्तीन विवाद में भारत दो राष्ट्र के शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के सिद्धांत का समर्थन करता है। उसके इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है, जैसा कि खुद विदेश मंत्री जयशंकर ने फरवरी में राज्यसभा में बताया था। इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के बीच पिछले साल दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र में लाए गए संघर्ष विराम का समर्थन करने वाले 158 देशों में भारत भी शामिल था। निस्संदेह हमास ने इस्राइल में पिछले महीने के दौरान जिस तरह के हिंसक हमले किए हैं वह उसी तरह गलत हैं, जिस तरह इस्राइल द्वारा गजा में किए जा रहे हमले। दरअसल फलस्तीन के दर्द को समझने की जरूरत है, जहां के पचास लाख लोग अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
गजा का दर्द

Popular Posts
रायपुर में सराफा कारोबारी की पत्नी का फंदे से लटका मिला शव, पांच दिन पहले बेटे की भी हुई थी मौत
रायपुर। राजधानी रायपुर में सराफा कारोबारी की पत्नी का शव फांसी के फंदे से लटका…
By
Lens News
8वें वेतन आयोग की मांग को लेकर डाक कर्मियों का प्रदर्शन
रायपुुुर। 8वें वेतन आयोग की मांग को लेकर मंगलवार को डाक कर्मियों ने रायपुर में…
By
Lens News
इरपागुट्टा पहुंची आप पार्टी की जांच समिति, बीजापुर SP को सौंपा ज्ञापन
बीजापुर। रविवार को आम आदमी पार्टी की जांच समिति बीजापुर जिले इरपागुट्टा पहुंची। बीते दिनों…
By
Lens News