द लेंस डेस्क। पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब (poisonous liquor) ने भयानक त्रासदी मचाई है। इस घटना में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 5 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी प्रभावित लोग भंगाली कलां, मराडी कलां और जयंतीपुर गांवों के हैं। पुलिस ने नकली शराब रैकेट के मास्टरमाइंड प्रभजीत सिंह समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और छापेमारी तेज कर दी है, इसके अलावा 4 सरकारी कर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं, यह पंजाब में पिछले तीन सालों में जहरीली शराब से जुड़ा चौथा बड़ा हादसा है।
जहरीली शराब से मातम
मजीठा के तीन गांवों भंगाली कलां, मराडी कलां, और जयंतीपुर में सोमवार सुबह से ही जहरीली शराब पीने के बाद लोगों की तबीयत बिगड़ने की खबरें आने लगीं। पीड़ितों में पहले बोलने की क्षमता खत्म हुई फिर हाथ-पैरों की हरकत बंद हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार सोमवार सुबह 11 बजे मराडी कलां में पहली मौत हुई जिसके बाद दिनभर में मृतकों की संख्या बढ़ती गई। बुधवार सुबह 12 बजे तक मरने वालों की संख्या 23 तक पहुंच गई, और 5 लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शराब में मेथनॉल का इस्तेमाल किया गया था, जिसे ऑनलाइन खरीदा गया था।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पंजाब पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए दो FIR दर्ज की हैं जिनमें भारतीय न्याय संहिता और आबकारी अधिनियम की कड़ी धाराएं शामिल हैं। पंजाब के पुलिस महानिदेशक ने मजीठा के DSP अमोलक सिंह और मजीठा थाने के SHO अवतर सिंह को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है। इसके अलावा स्थानीय आबकारी और ETO सहित चार अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है। इस मामले में पुलिस ने अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य सरगना और कई स्थानीय सप्लायर शामिल हैं।पुलिस के अनुसार चार स्थानीय सप्लायरों ने एक प्रमुख शराब सप्लायर प्रभजीत का नाम उजागर किया जिसके आधार पर आगे की जांच चल रही है। पुलिस की एक टीम राज्य से बाहर भी जांच के लिए रवाना की गई है।
मुख्यमंत्री का बयान: “यह हत्या है, मौत नहीं”
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना पर गहरा दुख और गुस्सा जाहिर किया है। मजीठा में पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद घटना है। 17 लोगों की जान गई है। यह हत्या है, न कि सामान्य मौतें। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने प्रभावित गांवों में तत्काल राहत और चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
विपक्ष का सरकार पर हमला
विपक्षी दलों ने इस त्रासदी को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद और अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने इसे पुलिस और प्रशासन की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “शराब माफिया खुलेआम काम कर रहा है। मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री को जवाब देना होगा।” विपक्ष ने मुख्यमंत्री मान और आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा के इस्तीफे की मांग की है।
प्रभावित गांवों में स्थिति
प्रभावित गांवों में मातम का माहौल है। मृतकों के अंतिम संस्कार शुरू हो चुके हैं और स्थानीय लोग गम और गुस्से में हैं। ज्यादातर पीड़ित दिहाड़ी मजदूर थे, जिनके परिवार अब आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। प्रशासन ने गांवों में मेडिकल कैंप लगाए हैं, संदिग्ध शराब पीने वालों की जांच की जा रही है। पुलिस और सिविल प्रशासन की टीमें घर-घर जाकर उन लोगों की पहचान कर रही हैं ताकि और जानें बचाई जा सकें।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब पंजाब में जहरीली शराब ने इतनी बड़ी त्रासदी मचाई हो। साल 2020 में तरनतारन, अमृतसर और बटाला में जहरीली शराब पीने से 120 लोगों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद भी शराब माफिया पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई जिसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।