नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद बीती रात पाकिस्तान से किए गए हमलों को नाकाम करने के बाद गुरुवार शाम करीब साढ़े 5 बजे विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री के साथ कर्नल सोफिया कुरैश और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बीती रात हुए ऑपरेशन की जानकारी दी। इस दौरान ऑपरेशन को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि पाकिस्तान सिर्फ झूठ बोल रहा है। पाकिस्तान जन्म लेने के बाद से ही झूठ बोलने लगा था।

भारतीय फाइटर जेट्स गिराए जाने पर विदेश सचिव ने कहा कि जब सही समय होगा तो आधिकारिक तौर पर आपको सूचना दी जाएगी। पाकिस्तान का जन्म लेते ही झूठ शुरू हो गया था। 1947 में संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि कश्मीर पर हमला करने वाले कबायली हैं। हमारी फौजों और हमारी फौजों ने देखा था तब कि वहां पर पाकिस्तान की फौज थी। उनका झूठ 75 साल पहले शुरू हो गया था। पाकिस्तान यह समझ ले कि अगर फिर भारत में हमला होता है, तो इस बार हम घुस कर मारेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने ही तनाव बढ़ाया है। हमने सिर्फ जवाब दिया है। हम आगे भी जवाब देंगे। अगर पाकिस्तान कोई हिमाकत करता है तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। हम सिर्फ पाकिस्तान के एक्शन का जवाब दे रहे हैं।
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कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने 7 अप्रैल की रात भारत में कई जगहों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले का प्रयास किया। इन्हें भारत के डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया। इनका मलबा कई स्थानों पर मिला है। इससे यह साबित हुआा कि पाकिस्तान ने हम पर हमला किया है। इसके बाद भारत की तरफ पाकिस्तान के कई ठिकानों पर एयर सिस्टम को निशाना बनाया। लाहौर में एयर डिफेंस रडार सिस्टम को निशाना बनाया गया है। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर आकर गोलीबारी भी की है। कुपवाड़ा, बारामुला, मेंढर और पुंछ में हमारे देश के 16 लोगों की जान गई है।
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विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने 7 अप्रैल की रात भारत में कई ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले का प्रयास किया। इन्हें भारत ने नाकाम कर दिया। इनका मलबा कई स्थानों पर बरामद हुआ। आज सुबह भारतीय सशक्त बलों ने पाकिस्तान के कई ठिकानों पर एयर सिस्टम को निशाना बनाया। लाहौर में एयर डिफेंस रडार सिस्टम को नाकाम कर दिया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बिना वजह के ही गोलीबारी तेज कर दी है। कुपवाड़ा, बारामुला, मेंढर और पुंछ में भारी गोलाबारी की जा रही है। हमारी फोर्स भी इसका जवाब दे रही है। इस गोलीबारी में करीब 16 नागरिकों की मौत हुई है।
सेना की दो अफसरों के ऑपरेशन के संबंध में जानकारी देने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि 22 अप्रैल का हमला ही वास्तविक तनाव बढ़ाने वाली घटना थी। उसका जवाब भारतीय सेना ने कल अपने एक्शन से दिया है। दूसरी बात पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने जिम्मेदारी ली थी। यह ग्रुप लश्कर का एक हिस्सा है। हमने ने संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दी थी। आप ही सोचिए कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति में चर्चा के दौरान किस राष्ट्र ने टीआरएफ का नाम लिए जाने का विरोध किया। ऐसे में यह तय है कि पाकिस्तान से आतंक ऑपरेट हो रहा है।
विदेश सचिव ने कहा कि हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया है। विदेश सचिव मिसरी ने कहा, ‘वह दावा कर रहे हैं कि हमारे ऑपरेशन में सिर्फ सिविलियन मारे गए। ऑपरेशन सिंदूर में केवल आतंकी इमारतें और टारगेट थे। उनके यहां आतंकवादियों का अंतिम संस्कार किया गया। अगर सिर्फ सिविलयन मारा गया है तो अफसरों की फोटो आतंकियों के साथ क्यों आई? आतंकवादियों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था।’
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान पहलगाम हमले पर किसी भी तरह की भूमिका से पल्ला झाड़ रहा है। पाकिस्तान की तरफ से कहा जाता है कि वहां कोई आतंकी नहीं है। पाकिस्तान ग्लोबल टेररिज्म का एपी सेंटर है। दुनियाभर के आतंकी हमलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ है। वह भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को उन्होंने शहीद कहा। साजिद मीर के मरने की खबर थी, बाद में उसे जिंदा बताया गया।
विदेश सचिव ने बताया कि पठानकोट में ज्वॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई थी। पाकिस्तानी टीम को हमने हमले की जगह जाने की इजाजत दी थी। उनसे डीएनए और दूसरी रिपोर्ट शेयर की थी। आतंकवादियों के पते भी हमने बताए थे, जैश के लीडर्स के बारे में हमने जानकारी दी थी। लेकिन जांच में कुछ नहीं हुआ।
विदेश सचिव ने कहा, ‘पाकिस्तान पीओके में एक डैम को निशाना बनाए जाने का दावा कर रहा है। हमने सिर्फ आतंकी इंंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया है। यह दावा हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाए जाने का आधार बनाए जाने के लिए किया जा रहा है।पाकिस्तान सिर्फ प्रोपेगेंडा फैला रहा।’
विदेश सचिव ने कहा, ‘सिंधु नदी समझौता 60वें दशक में हुआ था। अब तकनीकी और भौगोलिक तौर पर बहुत से बदलाव हुए हैंं। इन्हें ध्यान देना होगा। हम दो साल से पाकिस्तान से इस संबंध में पर बात कर रहे थे कि इसमें बदलाव किए जाने हैं, लेकिन पाकिस्तान ने ध्यान नहीं दिया। आतंकी हमलों के चलते इस समझौते में दिक्कतें आईं। इसके बाद भारत ने इस संधि को रद्द करने का फैसला लिया।’