INDIA PAK TENSION: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने 5 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गोपनीय बैठक की। यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद बुलाई गई जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। पाकिस्तान की पहल पर हुई इस 90 मिनट की बैठक में कोई ठोस फैसला नहीं निकला लेकिन दोनों देशों से संयम और शांतिपूर्ण समाधान की अपील की गई लेकिन सवाल ये है की क्या यह तनाव क्षेत्रीय युद्ध की ओर बढ़ रहा है?
पहलगाम हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को नए निचले स्तर पर ला दिया। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और जवाब में कड़े कदम उठाए जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, वाघा-अटारी सीमा बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और द्विपक्षीय व्यापार पर रोक शामिल है। भारत का कहना है कि ये कदम आतंकवाद के खिलाफ उसकी “जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा हैं।
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पाकिस्तान ने भारत के इन कदमों को आक्रामक और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करार दिया। उसने UNSC में यह मुद्दा उठाकर भारत पर वैश्विक दबाव बनाने की कोशिश की विशेष रूप से सिंधु जल संधि के निलंबन को क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया।
मई 2025 में UNSC की अध्यक्षता कर रहे ग्रीस ने इस गोपनीय बैठक की मेजबानी की। संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव खालिद खियारी ने क्षेत्र में अस्थिरता पर चिंता जताई और दोनों देशों से बातचीत के जरिए शांति कायम करने की अपील की। ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि इवांगेलोस सेकेरिस ने बैठक को सार्थक बताया लेकिन कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बैठक से पहले चेतावनी दी कि भारत-पाक तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। उन्होंने दोनों देशों से संयम और सैन्य टकराव से बचने का आग्रह किया। हालांकि बैठक से कोई औपचारिक बयान या प्रस्ताव सामने नहीं आया।
भारत का कड़ा रुख
भारत ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया लेकिन विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने UNSC के प्रमुख सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और ग्रीस से संपर्क कर पाकिस्तान की आतंकवाद-प्रायोजक नीतियों को उजागर किया। भारत ने पहलगाम हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सबूत बताया और अपनी कार्रवाइयों को आतंकवाद के खिलाफ जरूरी कदम करार दिया। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह जम्मू-कश्मीर जैसे द्विपक्षीय मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा का विषय नहीं मानता।
पाकिस्तान की रणनीति
पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने बैठक के बाद बयान दिया जिसमें उन्होंने भारत की कार्रवाइयों को क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बताया। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे को वैश्विक मंच पर उठाने की कोशिश की लेकिन इसे ज्यादा समर्थन नहीं मिला। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसका उद्देश्य काफी हद तक पूरा हुआ, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं
रूस: रूस ने पहलगाम हमले की निंदा की और दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की बशर्ते दोनों पक्ष सहमत हों।
अमेरिका: अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत से संयम बरतने और पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करने की अपील की।
चीन: चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए पहले UNSC के बयान से कुछ शब्दों को हटवाने में मदद की थी और इस बैठक में भी उसका रुख पाकिस्तान के पक्ष में रहा।
अन्य देश: अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे UNSC सदस्यों ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया और पाकिस्तान से आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग की।
पहलगाम हमले और भारत की जवाबी कार्रवाइयों ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। दोनों देशों के परमाणु हथियारों से लैस होने के कारण अंतरराष्ट्रीय मंच इस स्थिति को गंभीरता से देख रहा है।
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