नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने देशभर में नागरिक सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस मॉक ड्रिल में हवाई हमलों से बचाव के उपायों का अभ्यास कराया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा व्यापक अभ्यास पिछली बार वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान हुआ था।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, मॉक ड्रिल में एयर रेड सायरन बजाने, नागरिकों को सुरक्षा उपायों की ट्रेनिंग देने, ब्लैकआउट की व्यवस्था करने, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने और निकासी योजनाओं का परीक्षण शामिल होगा। खास बात यह है कि नागरिकों, छात्रों और कर्मचारियों को आपात स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया देने के तरीके सिखाए जाएंगे।

इससे पहले, रविवार रात पंजाब के फिरोजपुर छावनी क्षेत्र में आधे घंटे का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। रात 9 बजे से 9:30 बजे तक क्षेत्र की सभी लाइटें बंद कर दी गईं और पुलिस ने सख्ती से निगरानी रखी। फिरोजपुर छावनी थाने के एसएचओ गुरजंत सिंह के अनुसार, ब्लैकआउट के दौरान किसी भी प्रकार की रोशनी को बंद कराया गया और प्रत्येक चौराहे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई।
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सैन्य तैयारियों को लेकर बढ़ती सक्रियता के बीच आया है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह, थल सेना, नौसेना और वायु सेना प्रमुखों से मुलाकात की है। सोमवार को उन्होंने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से भी एक लंबी बैठक की, जिसमें सुरक्षा तैयारियों पर विस्तृत चर्चा हुई। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब पुलवामा के बाद सबसे गंभीर आतंकी घटनाओं को लेकर देश एक बार फिर सतर्क है।
विशेषज्ञों का मानना है कि 54 साल बाद इस तरह की मॉक ड्रिल न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों को परखने का जरिया होगी, बल्कि आम नागरिकों को भी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार करने में मदद करेगी।
उधर चीनी राजदूत से पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने की मुलाकात

वेबसाइट The Daily CPEC के अनुसार पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पाकिस्तान में नियुक्त चीनी राजदूत जियांग जैदोंग के बीच सोमवार को इस्लामाबाद में एक अहम बैठक हुई। बैठक के दौरान राष्ट्रपति जरदारी ने हाल ही में पहलगाम की घटना के बाद भारत की ओर से दिए गए भड़काऊ और शत्रुतापूर्ण बयानों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आचरण पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है।
चीनी राजदूत जियांग जैदोंग ने इस अवसर पर चीन-पाकिस्तान की मजबूत और स्थायी मित्रता को दोहराते हुए दोनों देशों को “आयरन ब्रदर्स” (लोहे जैसे मजबूत भाई) बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने हर कठिन समय में एक-दूसरे का साथ दिया है। राजदूत ने पाकिस्तान के दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से रखने के लिए राष्ट्रपति जरदारी का धन्यवाद किया और आश्वस्त किया कि चीन क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की साझा कोशिशों में पाकिस्तान का समर्थन करता रहेगा।