द लेंस डेस्क । पस्श्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के चलते छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदल गया है। राज्य के कई जिलों में तेज आंधी-तूफान के साथ झमाझम बारिश और ओलावृष्टि हुई है, जिससे तापमान में गिरावट देखने को मिली है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी गरज-चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि 8 मई तक प्रदेश में मौसम ऐसा ही बना रहेगा। बिलासपुर और सरगुजा संभाग सबसे ज्यादा इसकी चपेट में है। किसानों की फसलें बर्बाद हो सकती है, इसी के साथ व्रजपात की भी संभावना है।
बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित जिले
शनिवार को रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, कोरबा, बेमेतरा, कवर्धा, जशपुर और रायगढ़ समेत कई जिलों में दोपहर के बाद मौसम ने अचानक करवट ली। तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। बेमेतरा और रायपुर के सांकरा इलाके में ओलावृष्टि के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने 8 मई तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। इस दौरान 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह मौसम विभाग ने दी है।
खेती पर भी असर
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से धान, गेहूं, बागवानी और आम की फसलों को नुकसान पहुंचा है। कई क्षेत्रों में मुनगा और आम के बौर झड़ गए हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान की आशंका है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ गई है।
आगामी मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौसम अस्थिर बना रहेगा। लोगों को मौसम अपडेट्स पर नजर रखने और आवश्यक सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग की यह भी कहना है कि तेज बारिश के दौरान पेड़ के नीचे न खड़ा रहें, ये घातक हो सकता है।