रायपुर। देश में 20 मई को संयुक्त ट्रेड यूनियन काउंसिल (STUC Strike) एक दिवसीय हड़ताल करने जा रही है। इस हड़ताल को किसानों को भी समर्थन मिला है। यह हड़ताल देश में केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों में बदलाव और श्रम संहिता रद्द करने की मांग को लेकर की जाएगी है। एसटीयूसी के सचिव धर्मराज महापात्रा ने कहा कि 20 मई को हड़ताल का आयोजन किया गया है, केंद्र सरकार की मजदूर नीति के विरोध में यह हड़ताल होगी।
जनता पर पडेगा अमेरिकी टैरिफ का असर
एस टी यू सी के सचिव धर्मराज महापात्रा ने कहा कि आज की केंद्र सरकार कठिन संघर्षों से हासिल किये गये 8 घंटे के कार्य दिवस के अधिकार पर ही सबसे नग्न हमले कर रही है। मजदूरों के भारी विरोध के बावजूद उसने 44 से अधिक श्रम कानूनों को श्रम संहिता में बदल दिया। देश के श्रमिकों को निर्लज्ज्लता के साथ मालिकों के गुलाम बनाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। वह संविधान, जनतंत्र व नागरिक अधिकार सब पर हमले कर विरोध के हर स्वर को ही कुचलने का उपक्रम कर रही है। एक देश एक चुनाव, श्रम संहिताओं को लादने की कोशिश, सभी स्वायत्त संस्था ईडी, सीबीआई, चुनाव आयोग, न्यायपालिका सहित सारी संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता समाप्त करने के उसके दुष्चक्र संविधान के बुनियादी आधार को ही कमजोर करने का प्रयास है।
आतंकवादी घटना से पहुंचेगी आर्थिक क्षति
धर्मराज महापात्रा ने आगे कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत के चरम एजेंडे के उनके प्रयासों ने मजदूर वर्ग और देश की एकता के समक्ष ही गंभीर खतरे पैदा किये हैं। पहलगाम की आतंकी हिंसा का भी वह साम्प्रदायिकरण करने में लगी है जबकि दोषी फिर वे चाहे किसी भी मजहब के हों। क्योंकि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। जिन्होंने भी ऐसी नृशंस हिंसा की वे पूरे इंसानियत के दुश्मन हैं। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले और दोबारा ऐसी घटना न हो यह सुनिश्चित किया जाए। आर्थिक मोर्चे पर सार्वजनिक क्षेत्र की बर्बादी व निजीकरण का खेल जारी है। समूचे देश को चंद कार्पोरेट घरानों के हाथों बेच देने की उसकी मुहिम और तेज हुई है।
मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में आंदोलन
धर्मराज महापात्रा ने 20 मई को होने वाले आंदोलन को लेकर कहा कि बीमा उद्योग में राष्ट्रीयकृत बीमा कंपनियों को कमजोर कर निजी देशी-विदेशी बीमा कंपनियों को प्रश्रय देने सरकार समग्र बीमा कानून संशोधन विधेयक लाने जा रही है। भारत के श्रमिक वर्ग ने 20 मई को इसलिए पूरे देश में केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों में बदलाव और श्रम संहिता रद्द करने की मांग को लेकर एक दिन की हड़ताल का निर्णय लिया है। देश के किसानों ने भी इस आन्दोलन के साथ एकता का इजहार किया है। एस टी यू सी ने सभी श्रमिक साथियों से इस रैली को सफल बनाने की अपील की है।