लेंस ब्यूरो, दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं (Modi met the chiefs of the three armies) के प्रमुखों सहित शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की है। सूत्रों कि माने तो इस बैठक में पहलगाम हमला और उसके बाद सीमा पर पाकिस्तान द्वारा की जा रही गोलाबारी को लेकर विस्तृत चर्चा की गई है। जानकारों का कहना है कि अगले कुछ वक्त ने भारत द्वारा बड़ी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। I इसके पहले मोदी ने 2022 में अग्निवीर योजना के क्रियान्वयन को लेकर तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की थी।
ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी
इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, इसमें तीन अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और दो अन्य सुरक्षा संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। गौरतलब है कि सीमा पर पाकिस्तान द्वारा लगातार तीन दिन से गोलाबारी की जा रही है। इधर चीन और अमेरिका ने दोनों ही देशों को इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकालने का मशविरा दिया है।
इधर पाकिस्तानी नागरिकों के भारत छोड़ने का क्रम जारी
22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला किया और कहा कि पाकिस्तान ने इसकी शर्तों का उल्लंघन किया है। यह भी फैसला किया गया कि लॉन्ग टर्म वीजा, राजनयिक तथा आधिकारिक वीजा रखने वालों को छोड़कर सभी पाकिस्तानियों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ देना चाहिए।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह सचिव ने भी सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द किया गया है, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें। इस बीच भारी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ रहे हैं।
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