आईपीएल में अपने तीसरे मैच में 14 साल की उम्र में 35 गेंद पर लगाया शतक, पहले मैच में 34 रन में आउट होने के बाद रोते हुए ग्राउंड से बाहर गए थे सूर्यवंशी
खेल डेस्क। बिहार के समस्तीपुर के मोतीपुर गांव के 14 साल के वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) की चर्चा इस वक्त पूरे देश में चल रही है। चर्चा हो भी क्यों न? आखिर उस लड़के ने 14 साल की उम्र में ही क्रिकेट की टी 20 फॉर्म के किसी भी टूर्नामेंट में शतक लगा दिया।
वैभव सूर्यवंशी ने यह कारनामा महज 14 साल में किया है वो भी दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित लीग आईपीएल में। आईपीएल के 47वें मैच में वैभव ने राजस्थान रॉयल्स के लिए गुजरात टाइटंस के खिलाफ सोमवार को शतक लगाया है। वैभव ने महज 35 गेंद में शतक लगाया। इसके साथ ही वे आईपीएल में क्रिस गेल के बाद सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए, लेकिन इस उम्र में डेब्यू के साथ ही शतक लगाने वाले वैभव पहले बल्लेबाज हैं। आईपीएल में उनका यह तीसरा मैच है। जिस मैच में उन्होंने शतक लगाया, उसमें सामने वाली टीम में गेंदबाज राशिद खान, मोहम्मद सिराज, ईशांत शर्मा, वाशिंगटन सुंदर, साईं किशोर, प्रसिद्ध कृष्णा, करीम जनत जैसे गेंदबाज थे।
ये वही वैभव हैं, जो आईपीएल के अपने डेब्यू मैच में पहली गेंद पर ही छक्का मारा, लेकिन 34 रन बनाकर आउट हो गए। जब वे आउट होकर जा रहे थे, तो उनकी आंखों में आंसू थे। तब वैभव का इस तरह रोकर पवेलियन की तरफ आना, सोशल मीडिया में सुर्खिंया बटोर रहा था। और अब जब वैभव ने तीसरे मैच में शतक लगाया तो वह भी अब सुर्खिंया बटोर रहा है।
मैच के बाद वैभव ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया। वैभव ने अपने मां-बाप की कोशिशों को अपने इस कामयाबी की वजह बताई।

वैभव ने कहा, ‘मैं जो भी हूं यहां पर, मैं अपने पैरेंट्स की वजह से ही हूं। मेरी मम्मी मेरी वजह से मुझे सुबह प्रैक्टिस जाना है 2 बजे सुबह से उठ रही है। 11 बजे सो रही है। सिर्फ 3 घंटे की नींद ले रही है। फिर खाना बना रही है, मेरे लिए। फिर पापा उठ रहे हैं। पापा ने काम छोड़ दिया। मेरा बड़ा भाई पापा का काम संभाला। बहुत मुश्किल से घर चल रहा है। और पापा लगे हैं मेरे पीछे कि तू करेगा। भगवान देखता है कि मेहनत करने वाले को असफलता नहीं मिलती। तो वो जो भी रिजल्ट दिख रहा है कि जो भी सक्सेसफुल हो रहा हूं, वो पैरेंट्स की वजह से ही है।‘
पिता का सपना टूटा तो 14 साल में बेटे को बना दिया स्टार
वैभव सूर्यवंशी के पिता संजीव सूर्यवंशी भी क्रिकेट खेला करते थे। उनका नेशनल स्तर पर खेलने का सपना था, लेकिन वो पूरा नहीं हो सका। संजीव राज्य स्तर पर ही खेल सके। नेशनल खेलने का खुद का सपना जब टूट गया तो बेटे पर मेहनत की। 5 साल की उम्र में वैभव को टेनिस बॉल से खेलना शुरू कराया। अपने बेटे को क्रिकेट में आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने खेत भी बेचे। काम छोड़ा और अपने कारोबार की जिम्मेदारी बड़े बेटे को देकर सिर्फ वैभव को क्रिकेट खेलने पर फोकस कराया।
संजीव ही धीरे-धीरे उसे ड्यूज बॉल से प्रैक्टिस कराने लगे। 10 साल की उम्र में एकेडमी से वैभव को क्लब से जोड़ा। फिर हफ्ते में तीन बार उसे स्कूटर से समस्तीपुर से पटना ले जाने लगे। वहां जेनिथ क्रिकेट एकेडमी में दिनभर खेलने के बाद शाम को वापस लाते। दिनभर एकेडमी में रहने के दौरान वैभव सैकड़ों गेंदें खेलते और अपनी तकनीक को मजबूत करते।
जब वैभव 13 साल के भी नहीं हुए थे। तभी बिहार क्रिकेट संघ (BCA) के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने वैभव की प्रतिभा को देखा और 12 साल 9 महीने 8 दिन की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्हें मौका मिला। वैभव को रणजी ट्रॉफी में मुंबई के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला। हालांकि रणजी में वे सिर्फ 5 मैच खेल सके। इसी बीच लिस्ट ए और टी 20 क्रिकेट में शानदार खेल के लिए बिहार की तरफ से उनका नाम आईपीएल निलामी में शामिल होने के लिए भेजा गया। जहां उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा और अब रिजल्ट सबके सामने है।
सचिन, युवराज, युसूफ पठान, रोहित शर्मा और सूर्यकुमार ने क्या कहा?
वैभव ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भी अपना दीवाना बना लिया है। सचिन ने अपने सोशल मीडिया पर वैभव की तारीफ करते हुए कहा, ‘वैभव की बल्लेबाजी में बेखौफ अंदाज और लेंथ को जल्दी पढ़ने की क्षमता है।‘
वैभव ने युवराज सिंह को भी चौंका दिया है। युवी ने पोस्ट किया, ‘14 साल की उम्र में यह बच्चा दुनिया के दिग्गज गेंदबाजों का डटकर सामना कर रहा है! नाम याद रखिए: वैभव सूर्यवंशी। अगली पीढ़ी का चमकता सितारा।‘
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वैभव सूर्यवंशी की तस्वीर शेयर करते हुए उनकी पारी को ‘क्लास’ बता दिया।
टी-20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने भी सोशल मीडिया पर लिखा, ‘वैभव की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी वाकई हैरान करने वाली है।‘
वैभव ने अपनी इस पारी से युसूफ पठान का रिकॉर्ड तोड़ा है। युसूफ ने 37 गेंद में शतक लगाया था। रिकॉर्ड टूटने के बाद युसूफ ने अपने डेब्यू शतक और वैभव के शतक की फोटो पोस्ट की और लिखा, ‘मेरे रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए वैभव सूर्यवंशी को बधाई! खास बात यह है कि उन्होंने भी राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए यह किया। इस फ्रेंचाइजी में वाकई युवा खिलाड़ियों के लिए कुछ जादू है। लंबा सफर तय करना है, चैंपियन!’
उसी बिहार ने मौका दिया, जिसे लंबी लड़ाई लड़ने के बाद मान्यता मिली
वैभव की पारी को लेकर सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 13 वर्ष पूरा करने से पहले वैभव को फर्स्ट क्लास में मौका उसी बिहार से मिला, जिसने मान्यता लेने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति बनाई, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस आरएम लोढा ने की। बीसीसीआई में बदलाव को लेकर कुछ सिफारिशें दीं। इसके बाद ही जुलाई 2016 में बिहार को बीसीसीआई का पूर्ण कालिक सदस्य के तौर पर मान्यता मिली और उसने फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरू किया।