लेंस ब्यूरो! दिल्ली
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में शामिल होने के लिए पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी आरोपियों को दोषी ठहराकर इन सबके लिए डेथ पेनाल्टी मांगी है।
सभी आरोपियों पर आतंकवाद और हत्या के साथ-साथ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत संबंधित धाराओं का आरोप है।
विशेष लोक अभियोजक ने 1,389 पृष्ठों की चार्जशीट दाखिल की हैं और सभी आरोपियों के लिए मृत्युदंड से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा मांगी है।
विशेष एनआईए अदालत ने शनिवार को मुकदमे का परीक्षण पूरा कर लिया और फैसला सुरक्षित रख लिया।अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के समापन के समय अंतिम दलीलें लिखित रूप में लीं। फैसले को आठ मई तक के लिए स्थगित कर दिया है।
17 वर्ष पुराने इस मामले की जांच शुरू में महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने की थी। उसके बाद 2011 में इसे एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए ने मामले को अपने हाथ में लेने के बाद 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया।
इस मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं, जो सभी जमानत पर बाहर हैं।
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर, 2008 को नासिक जिले के मालेगांव शहर में एक मोटरसाइकिल पर बंधे उपकरण में विस्फोट हो गया था, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।