पहलगाम आतंकी हमला : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में कश्मीर के स्थानीय युवक सैयद आदिल हुसैन शाह ने बहादुरी के साथ दहशतगर्तों का सामना किया। हमले के वक्त सैयद हुसैन पर्यटकों के साथ घोड़े पर सवार थे, उन्होंने हमलावरों को रोकने की कोशिश की। आतंकवादियों से कहा कि पर्यटक निर्दोष हैं और कश्मीरियों के मेहमान हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। जब हमलावर नहीं माने, तो सैयद ने एक आतंकी से हाथापाई की और उसकी राइफल छीनने का प्रयास किया। इस संघर्ष में सैयद हुसैन को गोली लगी। गंभीर रूप से घायल सैयद हुसैन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

एक्स पर कुछ पोस्ट्स के अनुसार, सैयद आदिल ने आतंकवादियों का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने पर्यटकों को बचाने के लिए आतंकियों से भिड़कर उनकी राइफल छीनने की कोशिश की, जिससे कई पर्यटकों की जान बच गई। प्रतक्ष्यदर्शियों के हवाले से मीडिया में आई खबरों के अनुसार, सैयद ने हिम्मत न दिखाई होती, तो मरने वालों की संख्या कहीं अधिक होती। उनकी शहादत ने कई लोगों की जान बचाई।
22 अप्रैल की दोपहर करीब 2:50 बजे चार से छह आतंकवादियों ने पहलगाम के बाइसारन मीडो में अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकवादी सैन्य वर्दी में थे और उन्होंने जंगल से निकलकर पर्यटकों पर हमला किया।
हमले में 28 लोग मारे गए, जिनमें 24 भारतीय पर्यटक, दो स्थानीय निवासी और नेपाल व संयुक्त अरब अमीरात के दो विदेशी पर्यटक शामिल थे। 20 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें तमिलनाडु के एक 83 वर्षीय बुजुर्ग और ओडिशा की एक 65 वर्षीय महिला शामिल हैं। मृतकों में भारतीय नौसेना के 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और खुफिया ब्यूरो एक अधिकारी भी हैं।

पहलगाम आतंकी हमला : परिवार का इकलौता सहारा था सैयद
सैयद आदिल हुसैन शाह के पिता, सैयद हैदर शाह ने मीडिया को बताया, “मेरा बेटा हमारे परिवार का इकलौता कमाने वाला था। वह कल काम के लिए पहलगाम गया था। दोपहर 3 बजे के आसपास हमें हमले की खबर मिली। हमने उसे फोन किया, लेकिन उसका फोन बंद था।” सैयद की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा, “वह परिवार का एकमात्र सहारा था। अब घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा। वही कमाता था, तभी घर चलता था।”
सैयद आदिल के चाचा शहीद बुग सिंह ने कहा, “आदिल हमारे परिवार का सबसे बड़ा बेटा था। उसकी पत्नी और बच्चे अब बेसहारा हैं। हम सरकार से मदद और सुरक्षा की मांग करते हैं।” उनके रिश्तेदार मोहिद्दीन शाह ने कहा, “यह हमारी कश्मीरियत पर दाग है। हम चाहते हैं कि इस हमले की जांच हो और निर्दोष लोगों को न्याय मिले।”