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परमाणु उपकरणों की सप्लाई में जुर्माने को शिथिल करने की सुगबुगाहट

The Lens Desk
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Published: April 19, 2025 4:16 PM
Last updated: April 19, 2025 7:51 PM
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nuclear deal: नई दिल्ली। क्या अमेरिकी निवेश को आकर्षित करने के लिए देश को बड़े परमाणु खतरे में झोंका जा रहा है? समाचार एजेंसी रायटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है कि भारत अपने परमाणु उत्तरदायित्व कानूनों को सरल बनाने की योजना बना रहा है, ताकि अमेरिकी परमाणु उपकरण आपूर्तिकर्ताओं को उस जुर्माने के जोखिम से बचाया जा सके और परमाणु दुर्घटना-संबंधी जुर्माने की सीमा तय की जा सके।

नहीं भूला जाना चाहिए कि चेर्नोबिल में हुई परमाणु दुर्घटना के बाद दुनिया भर के देशों में परमाणु उपकरणों को लेकर नियम बेहद कड़े कर दिए गये थे। पूर्व में भारत यूनियन कार्बाइड जैसी औद्योगिक दुर्घटना का गवाह रहा है, जहां मिक जैसी गैस के रिसाव से हजारों जाने गई थीं। दिल्ली में 2010 में मायापुरी औद्योगिक क्षेत्र में गैस रिसाव से एक व्यक्ति कि मृत्यु हुई थी वहीं कई घायल हो गए थे।

अमेरिकी व्यापार बढ़ने की संभावना

रायटर्स का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का यह प्रस्ताव 2047 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 12 गुना बढ़ाकर 100 गीगावाट करने की दिशा में नवीनतम कदम है, साथ ही यह अमेरिका के साथ व्यापार और टैरिफ वार्ता में भारत को बढ़ावा देगा। तीन सूत्रों के हवाले से की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कदम मुख्य रूप से उन अमेरिकी कम्पनियों को आकर्षित करने के लिए उठाया जा रहा है, जो असीमित जोखिम के कारण पीछे हट रही है।

भारत में परमाणु खतरे से जुड़े नियम

यह नियम परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 और सामूहिक विनाश के हथियारों से संबंधित अधिनियम, 2005 में परिभाषित है। यदि कोई व्यक्ति या कंपनी परमाणु ऊर्जा से संबंधित किसी अपराध को करता है तो उसे जुर्माना और कारावास दोनों हो सकते हैं।

परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962

इस अधिनियम के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी आदेश का पालन नहीं करता है या किसी प्राधिकारी को उसकी शक्तियों का प्रयोग करने से रोकता है, तो उसे एक वर्ष तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

सामूहिक विनाश के हथियारों से संबंधित अधिनियम, 2005

यदि कोई कंपनी अपराध करती है, तो कंपनी के अधिकारी, जो अपराध के समय कंपनी के कामकाज के लिए उत्तरदायी थे वह भी अपराध का दोषी माने जाएंगे और उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कन्वेंशन

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु आतंकवाद के कृत्यों को रोकने के लिए एक कन्वेंशन (समझौता) है जो रेडियोधर्मी सामग्री के अवैध उपयोग और परमाणु सुविधाओं को नुकसान पहुंचाने से संबंधित अपराधों का विवरण देता है।

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