आज जब द लेंस की दुनियाभर के अपने दर्शकों और पाठकों के लिए शुरुआत हो रही है, यही ठीक समय है कि हम अपने बुनियादी मूल्यों में अपनी प्रतिबद्धता और भरोसे को फिर से स्थापित करें। लेंस संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध है और सार्वजनिक हित और जवाबदेही पर हमारा यकीन है। हम समझते हैं कि हम कठिन समय में जी रहे हैं। प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था के साथ ही राजनीति में तेजी से बुनियादी बदलाव हो रहे हैं। इससे लोगों में अनिश्चितता बढ़ी है और यह अनिश्चितता सूचना की भूख को बढ़ाती है, ताकि हम अपने आसपास और खुद को बेहतर ढंग से समझ सकें। इधर, सोशल मीडिया ने भी हमारी धारणा और वास्तविकता दोनों को बदल दिया है। सूचना अब लगभग मुफ्त है, लेकिन इससे हमारे आसपास और अधिक अराजकता पैदा हुई है। बढ़ता उग्रवाद और सामाजिक-आर्थिक असमानताएं हमारी अराजकता में और इजाफा करती हैं। इसलिए, लोगों को सूचित और शिक्षित करने का लक्ष्य रखने वाली किसी भी संस्था के लिए यह अनिवार्य है कि वह अराजकता और हलकेपन के दोहरे खतरों से बचते हुए कोई बेहतर राह तलाशे। दरअसल सूचना का एकाधिकार लोगों को दमित करता है और आज यह काम गढ़े गए कथानकों के एकाधिकार के जरिये हो रहा है। अंधाधुंध सूचनाओं की बाढ़ सच को भ्रमित करती है और बेतुकापन पैदा करती है।
हम लेंस में इस तनी हुई रस्सी पर चलने की चुनौती से वाकिफ हैं। सत्य हमारा एकमात्र विश्वास है और हमारे पास इससे पीछे हटने का कोई विकल्प नहीं है। सामान्य समझ और नैतिकता बोध ऐसे बुनियादी लेंस हैं, जिन्हें हम स्थापित करना चाहते हैं। लेकिन सबसे बढ़कर, हमारे बीच निरंतर और निर्बाध संवाद का सिलसिला है, जिसने हमारी दुनिया को महफूज रखा है। हमारी कोशिश होगी कि संवाद का यह सिलसिला कायम रहे और भविष्य में भी चलता रहे। खबरों, गहन कहानियों और विचारोत्तेजक संवादों के माध्यम से हम अपने समुदायों और दुनिया के सशक्तिकरण और बदलाव का साधन बन सकते हैं। कृपया हमारे इस प्रयास में सहभागी बनें और जहां जरूरी हो, वहां हमें राह भी दिखाएं।
हमारा विश्वास सच और संवाद
