Dismissal of JNU professor: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विभाग के प्रोफेसर स्वर्ण सिंह को विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना सेवा लाभ के बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई जापानी दूतावास की ओर से लगाए गए यौनिक दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद की गई है। स्वर्ण सिंह डीडी न्यूज जैसे सरकारी चैनलों पर नियमित पैनलिस्ट के रूप में भी नजर आते रहे हैं।
प्रोफेसर स्वर्ण सिंह पर आरोप है कि उन्होंने जापानी दूतावास के सहयोग से बीते साल आयोजित कार्यक्रमों की तैयारियों के दौरान जापानी दूतावास की एक अधिकारी के साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया था। एथिक्स कमेटी के सामने इस संबंध में एक रिकॉर्डिंग भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई थी।
विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच समिति ने अन्य प्रोफेसरों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इनमें दो प्रोफेसरों का वार्षिक वेतनवृद्धि (इंक्रीमेंट) रोका गया है, जबकि एक अन्य को विशेष प्रशिक्षण पर भेजने का निर्णय लिया गया है।
मीडिया की खबरों के मुताबिक एक अन्य वरिष्ठ शिक्षक ने बताया कि यह घटना पिछले साल मई में हुई थी। मामले में समिति द्वारा गंभीर जांच की गई, जिसमें दोनों पक्षों को गवाह पेश करने का पूरा मौका मिला। जांच में स्वर्ण सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे। विश्वविद्यालय को पिछले कुछ सालों में सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न की करीब आठ शिकायतें मिली हैं।
जानिए कौन हैं स्वर्ण सिंह
Dismissal of JNU professor: जेएनयू की वेबसाइट के अनुसार स्वर्ण सिंह वह 2001 से जेएनयू में पढ़ा रहे थे और अंतरराष्ट्रीय राजनीति, संगठन और निरस्त्रीकरण केंद्र के सदस्य हैं और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से जुड़े हैं।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में एम.ए. किया है और जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में पीएचडी की है। इसके अलावा उन्होंने स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय से संघर्ष समाधान में पोस्ट-डॉक्टोरल डिप्लोमा भी प्राप्त किया है।
उन्होंने 2006 में एशियाई अध्ययन संघ के अध्यक्ष और 2008 में इंडियन कांग्रेस ऑफ एशियन एंड पैसिफिक स्टडीज के महासचिव के रूप में कार्य किया। 2012 से 2014 तक वे जेएनयू के मुख्य सतर्कता अधिकारी भी रहे।
उनके अध्ययन क्षेत्रों में हथियार नियंत्रण, संघर्ष समाधान, शांति अध्ययन, भारत की रक्षा और परमाणु नीति आदि शामिल हैं। इससे पहले 1992 से 2001 तक वे रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान नई दिल्ली में शोधकर्ता थे।
जेएनयू रिसर्च प्रोजेक्ट घोटाला, एक और प्रोफेसर बर्खास्त
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रिसर्च प्रोजेक्ट से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं का दायरा बढ़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ए.एल. रामनाथन को वित्तीय गड़बड़ियों और घोटाले के आरोपों के चलते बर्खास्त कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में गंभीर साक्ष्य मिलने के बाद यह कदम उठाया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है, जिसने स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है। इसी घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में डॉ. राजीव सिजरिया को निलंबित किया गया है।
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