बस्तर। छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर में ही बैठक बस्तर के विकास के लिए रोडमैप तैयार किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में जगदलपुर में सूबे की सरकार दो दिन तक रही। इस दौरान विकास कार्यों को अंजाम देने वाले प्रशासनिक अमले के साथ-साथ विकास में शामिल हर एजेंसियों से सीएम खुद रूबरू हुए। सभी से बस्तर में विकास के लिए जरूरतों को समझा और उन्हीं जरूरतों के आधार पर बस्तर के विकास के लिए एक योजना बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में सीएम साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन की प्रतीक नहीं बल्कि नए भारत की संभावनाओं को प्रवेश द्वार बन रहा है। सरकार की कोशिश है कि बस्तर का हर गांव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े।
बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष ‘प्रेरणा’ में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने बस्तर में चल रही सभी योजनाओं की डिटेल रिपोर्ट ली। साथ ही सभी योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर में प्राथमिकता तय कर काम किया जाए। साय सरकार के इस कदम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त भारत अभियान के दावे से जोड़कर देखा जा रहा है।
सीएम ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे और बस्तर के हर शख्स तक सरकार की पहुंच हो। बैठक में सीएम ने आयुष्मान भारत, आधार, आवा योजना और बिजली को लेकर चलाई जा रही योजनाओं को लेकर कहा कि जो भी काम हो रहे हैं ये सिर्फ सरकारी योजनाएं नहीं हैं, बल्कि आम आदमी की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी है।
सीएम ने कहा कि बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है, ‘हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास।‘ यही बस्तर की नई पहचान होगी, और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊंचाई मिलेगी।
साय ने कहा कि नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है। उन्होंने जाति प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाने के निर्देश दिए ताकि बच्चों को कोई कठिनाई न हो। गर्मी और बारिश के मौसम में बीमारियों की आशंका को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर दवाइयां रखने को कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग की स्थापना को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी को सराहा। साथ ही कहा कि इससे यह बात साबित होती है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं।
बैठक में डिप्टी सीएम विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव, बस्तर संभाग के सभी आला अफसर मौजूद थे।