Teachers protest in West Bengal : कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले हजारों शिक्षकों ने शुक्रवार, 11 मार्च को साल्ट लेक के करुणामयी से पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भवन तक रैली निकाली। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने ‘ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन’ (OMR) शीट सार्वजनिक करने की मांग की, ताकि वास्तविक पात्र उम्मीदवारों की पहचान हो सके।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्त 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है।
प्रदर्शन में कई नागरिक समाज संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए और शिक्षकों के समर्थन में तख्तियां लेकर मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि कस्बा स्थित डीआई कार्यालय में हुए पिछले प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों पर लात चलाने वाले पुलिस अधिकारी को ही अब इस मामले की जांच सौंपी गई है। शिक्षकों ने मीडिया से कहा कि “जब आरोपी खुद जांच करेगा, तो क्या निष्पक्षता की उम्मीद की जा सकती है? किसी भी सभ्य समाज में ऐसा नहीं होता।”
Teachers protest in West Bengal : क्या बोलीं ममता बनर्जी और राहुल गांधी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 7 अप्रैल को प्रभावित शिक्षकों से मुलाकात की थी। ममता ने कहा, “हम कोर्ट के आदेश से बंधे हैं, लेकिन यह फैसला योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय है। आप यह मत समझिए कि हमने हार मान ली है। अगर मुझे ऐसा बोलने पर जेल जाना पड़े, तो भी मुझे फर्क नहीं पड़ता।”
वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 8 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि जो लोग निर्दोष हैं, उन्हें नौकरी में बने रहने दिया जाए। उन्होंने कहा, “मैं एसएससी घोटाले की निंदा करता हूं, लेकिन सभी 25,753 लोग दोषी नहीं हो सकते। निर्दोष लोगों की नौकरी छिनना शिक्षा व्यवस्था और उनके परिवारों पर बड़ा असर डालेगा।”
जानें क्या है पूरा मामला
- Teachers protest in West Bengal : नवंबर 2021 में कलकत्ता हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने एसएससी भर्ती में अनियमितताओं की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर उन्होंने 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। इस आदेश को हाईकोर्ट की खंडपीठ और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
- सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल 2024 को साफ किया कि 2016 में हुई ये भर्तियां “भ्रष्ट और दोषपूर्ण” थीं। नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों का कहना है कि आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किसने वैध तरीके से नौकरी पाई और किसने नहीं।
- सीबीआई और ईडी की जांच में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित कई अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं, जो उस समय एसएससी से जुड़े प्रमुख पदों पर थे।