चौसठ साल बाद गुजरात में हुए पार्टी के अधिवेशन में कांग्रेस ने जहां सरदार पटेल पर सात अहम प्रस्ताव पारित कर देश के पहले गृहमंत्री की विरासत पर भाजपा के दावे को सीधी चुनौती दी है, वहीं जाति जनगणना और वक्फ एक्ट पर अपने रुख को मजबूती से पेश कर पार्टी ने जताया है कि आने वाले समय में वह इन मुद्दों पर नरम नहीं पड़ने वाली है। अधिवेशन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर तीखे हमले करते हुए कहा है कि कांग्रेस की लड़ाई विचारधारा और संवैधानिक मूल्यों को बचाने की लड़ाई है। यही बात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी यह कहते हुए दोहराई कि सांप्रदायिक मुद्दे उठाकर भाजपा बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है। लेकिन देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की मुश्किल यह है कि उसके अपने नेता और कार्यकर्ता भी भाजपा और आरएसएस जैसी ताकत से वैचारिक लड़ाई के लिए तैयार नहीं दिखते हैं। लगातार तीन लोकसभा चुनावों के साथ ही हाल ही में कुछ अहम राज्यों में सत्ता गंवाने के बाद से कांग्रेस मानो खुद से द्वंद्व कर रही है। इसकी झलक कुछ समय पहले राहुल गांधी के उस बयान में नजर आई थी, जब उन्होंने दो टूक कहा था कि पार्टी में अनेक नेता भाजपा के लिए काम करते हैं। यह देखना होगा कि कांग्रेस गुजरात के इस अधिवेशन के बाद खुद को मौजूदा चुनौतियों के लिए कैसे तैयार करती है; कुछ महीने बाद ही इसका पता बिहार में चलेगा जहां चुनाव होने हैं।
गुजरात से निकला संदेश

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!
Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
Popular Posts
ट्रंप प्रशासन से एलन मस्क का इस्तीफा, अब सियासत छोड़ कारोबार पर फोकस
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में महत्वपूर्ण सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका…
नेपाल में राजशाही समर्थकों का हिंसक प्रदर्शन, ‘राजा आओ देश बचाओ के नारे’, कर्फ्यू लगाया, सड़क पर सेना
नेपाल में राजशाही समर्थकों द्वारा किए जा रहे हिंसक प्रदर्शनों के चलते राजधानी काठमांडू में…