द लेंस डेस्क। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के उरला इलाके में 6 साल की बच्ची के साथ रविवार को हुए रेप और हत्या की घटना ने हर किसी का दिल दहला दिया। मासूम की लाश सोमवार को एक कार की डिक्की में खून से लथपथ मिली, इस मामले के सामने आने के बाद जनता का गुस्सा फूटा और लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया, पुलिस ने जांच की और सोमवार को ही आरोपी चाचा को गिरफ्तार किया। इसके बाद बुधवार को कांग्रेस की 5 सदस्यीय टीम पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची,वहीं दुर्ग पुलिस ने SIT गठित कर जांच प्रक्रिया तेज कर दी है। बच्ची का चाचा गिरफ्तार है लेकिन क्या असली सच सामने आएगा और इंसाफ की उम्मीद बचेगी?
कांग्रेस की सक्रियता: मदद या सियासत?
कांग्रेस की जांच टीम में संगीता सिन्हा, हेमा देशमुख, विधायक यशोदा वर्मा, हर्षिता स्वामी बघेल, प्रेमलता साहू, राकेश ठाकुर, गया पटेल और मुकेश चंद्राकर शामिल थे। टीम ने परिवार से मुलाकात कर दुख जताया और मदद का वादा किया। वहीं कांग्रेस ने सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर निशाना साधा और तेज कार्रवाई की मांग की।
SIT का गठन
दुर्ग SP जितेंद्र शुक्ला ने मामले की गंभीरता देखते हुए SIT बनाई, जिसकी कमान ASP पद्मश्री तंवर संभाल रही हैं। टीम में मोहन नगर थाना प्रभारी शिव प्रसाद चंद्रा, महिला थाना प्रभारी श्रद्धा पाठक, चेतन चंद्राकर, पारस ठाकुर, राजेंद्र देशमुख, संगीता मिश्रा और लक्ष्मी नारायण पात्रे हैं। यह टीम साक्ष्य जुटाएगी और फास्ट ट्रैक कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी।
क्या हुआ उस दिन?
रविवार सुबह 9 बजे मासूम अपनी दादी के घर कन्या भोज के लिए गई। फिर वह गायब हो गई। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन दिनभर की तलाश बेकार रही। शाम 7:30 बजे उसकी लाश एक कार में मिली, खून से सनी, शरीर पर चोटों के निशान और चमड़ी उधड़ी हुई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने रेप की पुष्टि की। परिजनों का कहना है कि बच्ची के चाचा ने यह हैवानियत की।अब सवाल यह उठता है कि अपनों पर भरोसा कैसे करें?

मोहन नगर थाने में सन्नी यादव की शिकायत पर केस दर्ज हुआ। धारा 137(2), 103(1), 64(2)(एफ), 65(2), 66, 238(ए) बीएनएस और 6 POCSO एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध है। चाचा को रिमांड पर लिया गया है और उसने जुर्म कबूला। लेकिन क्या यह सच का सिर्फ एक हिस्सा है? क्या और लोग शामिल हैं, यह जांच से ही पता चलेगा।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट में बुलाए गए परिवार को कलेक्टर ने ढाई लाख रुपये की सहायता राशि ऑफर की थी, लेकिन परिजनों ने दो टूक कहा कि उन्हें पैसों की नहीं, इंसाफ की जरूरत है। उनका साफ मांग है कि असली गुनहगार को कठोर सजा मिले।
इस घटना ने लोगों का खून खौला दिया । सड़कों पर गुस्सा है, सोशल मीडिया पर सवाल हैं, क्या एक बच्ची सुरक्षित नहीं? लोग फांसी की मांग कर रहे हैं। बच्ची की माँ का रोते हुए कहना था ‘वह हंसती-खेलती गई थी, और हमें उसकी लाश मिली।’ यह सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि समाज के लिए खतरे की घंटी है। क्या हमारी व्यवस्था इतनी लाचार है?

SIT जांच से सच कब तक सामने आएगा ? क्या यह घटना बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल नहीं खड़ा करती? जनता जवाब चाहती है और हर किसी की नजर इस केस पर टिकी है।