[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में तेज आवाज साउंड बॉक्स पर कार्रवाई, झांकी से पहले डीजे संचालकों को अल्टीमेटम
टाटा की गाड़ियों के दाम में 65 हजार से 1.55 लाख तक की भारी कटौती का फैसला
राजभवन में शिक्षकों का ये कैसा सम्मान?
रायपुर: गणपति की AI छवि वाली मूर्ति को लेकर बवाल, पंडाल पर पर्दा, दर्शन बंद
संघ के वरिष्ठ प्रचारक शांताराम सर्राफ का निधन
श्रीनगर: भीड़ ने तोड़ा अशोक स्तंभ, हजरतबल दरगाह में बवाल
डोनाल्ड ट्रंप बोले – हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया
‘…मैं डिप्टी सीएम बोल रहा हूं, कार्रवाई रोको’, अजित पवार की IPS अंजना को चेतावनी, देखिए वीडियो
नेपाल में फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स समेत दर्जन भर सोशल मीडिया प्लेटफार्म बैन
फार्मा सेक्टर टैरिफ मुक्त होने के बावजूद अमेरिका के बाहर बाजार तलाश रहा भारत
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
अन्‍य राज्‍य

तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

पूनम ऋतु सेन
Last updated: April 8, 2025 6:09 pm
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
Follow:
Share
SHARE

द लेंस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल आरएन रवि के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद में मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को अनिश्चित काल तक रोककर नहीं रख सकते। यह फैसला तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जिसने राज्यपाल पर महत्वपूर्ण विधेयकों को रोकने का आरोप लगाया था।

सुप्रीम कोर्ट की मुख्य टिप्पणी
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने फैसले में कहा कि ‘राज्यपाल के पास कोई “वीटो पावर” नहीं है।’ कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा 10 विधेयकों को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित करने को अवैध और मनमाना करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ‘इन विधेयकों को उस तिथि से मंजूर माना जाएगा जिस दिन इन्हें विधानसभा द्वारा दोबारा पारित कर राज्यपाल को भेजा गया था।’

राज्यपाल की भूमिका पर कोर्ट की राय
“राज्यपाल को एक दोस्त, दार्शनिक और राह दिखाने वाले की तरह होना चाहिए। आपको संविधान की शपथ का पालन करना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के इशारे पर चलना चाहिए। राज्यपाल को उत्प्रेरक बनना चाहिए, अवरोधक नहीं।”

कोर्ट के प्रमुख निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के लिए समय-सीमा तय की है ताकि भविष्य में इस तरह की देरी से बचा जा सके:

1 राज्यपाल को विधेयकों पर फैसला मंत्रिपरिषद की सलाह से एक महीने के भीतर करना होगा।
2 यदि विधानसभा किसी विधेयक को दोबारा पारित कर भेजती है, तो राज्यपाल को एक महीने में मंजूरी देनी होगी।
3 राज्यपाल की हर कार्रवाई संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए।

संविधान में राज्यपाल की शक्तियां : अनुच्छेद 200
संविधान का अनुच्छेद 200 राज्यपाल को चार विकल्प देता है:
1 विधेयक को मंजूरी देना
2 मंजूरी को रोकना
3 राष्ट्रपति के पास भेजना
4 पुनर्विचार के लिए विधानसभा को लौटाना

हालांकि, यदि विधानसभा विधेयक को दोबारा पारित करती है, तो राज्यपाल मंजूरी रोक नहीं सकते, सिवाय इसके कि विधेयक संविधान या राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हो।

मुख्यमंत्री स्टालिन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस फैसले को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा: “यह सिर्फ तमिलनाडु की जीत नहीं, बल्कि देश की सभी राज्य सरकारों की जीत है। यह फैसला राज्य की स्वायत्तता और संघवाद के लिए एक मील का पत्थर है।” उन्होंने विधानसभा में कहा कि राज्यपाल ने जानबूझकर विधेयकों में देरी की जो संविधान के खिलाफ था।

विवाद की जड़ क्या है?

तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल आरएन रवि के बीच तनाव 2021 से चला आ रहा है जब रवि ने राज्यपाल का पद संभाला। नवंबर 2023 में राज्यपाल ने 12 में से 10 विधेयकों को बिना कारण बताए लौटा दिया और 2 को राष्ट्रपति के पास भेज दिया। इसके जवाब में विधानसभा ने विशेष सत्र बुलाकर 10 विधेयकों को दोबारा पारित किया।

अन्य राज्यों में राज्यपाल बनाम सरकार के मामले

हाल के मामले
पंजाब: नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल विधेयकों को अनिश्चित काल तक रोक नहीं सकते। पंजाब सरकार ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों को मंजूरी नहीं दी, जिससे प्रशासन प्रभावित हुआ।

केरल: केरल सरकार ने अपने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। नवंबर 2023 में कोर्ट ने राज्यपाल को सलाह दी थी कि वे विधेयकों पर समयबद्ध तरीके से फैसला लें। केरल के 7 विधेयक 33 महीने से अधिक समय तक लंबित रहे थे।

पश्चिम बंगाल: राज्यपाल जगदीप धनखड़ और टीएमसी सरकार के बीच 2021-2023 के दौरान कई मुद्दों पर तनाव रहा, जिसमें विधेयकों की मंजूरी और विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां शामिल थीं।

तेलंगाना: तेलंगाना सरकार ने राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन पर साल 2022 में 10 से अधिक विधेयकों को रोकने का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि ये देरी राज्य के प्रशासन को ठप कर रही है। इसके बाद कोर्ट ने 2023 में इस मामले में भी समय-सीमा तय करने की बात कही।

अन्य मामले

पश्चिम बंगाल (1967): राज्यपाल धर्म वीर ने तत्कालीन संयुक्त मोर्चा सरकार के खिलाफ कथित तौर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया था। केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और राज्य में गैर-कांग्रेसी सरकार के साथ तनाव बढ़ा।

आंध्र प्रदेश (1984): राज्यपाल शंकर दयाल शर्मा और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की एनटी रामाराव सरकार के बीच टकराव हुआ। केंद्र में कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल के जरिए हस्तक्षेप की कोशिश की, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ।

बिहार (2005): यूपीए सरकार के दौरान राज्यपाल बूटा सिंह ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बाद में गलत ठहराया।

फैसले का व्यापक प्रभाव

मोदी की केंद्र सरकार के आने के बाद राज्यपाल और सरकार के बीच विवादों में कुछ हद तक बढ़ोतरी हुई है, खासकर गैर-भाजपा शासित राज्यों में। लेकिन यह समस्या नई नहीं है; पहले भी ऐसे मामले होते थे, हालांकि उनका स्वरूप अलग था। पहले केंद्र सरकारें राज्यपालों का इस्तेमाल सरकारें गिराने के लिए ज्यादा करती थीं, जबकि अब विधायी प्रक्रिया में देरी और प्रशासनिक टकराव ज्यादा दिखता है। सुप्रीम कोर्ट का हालिया सक्रिय रुख इन मामलों को संतुलित करने की कोशिश है। यह फैसला न केवल तमिलनाडु, बल्कि पूरे देश में राज्यपाल और सरकार के बीच संबंधों को परिभाषित करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है, न कि राजनीतिक। यह निर्णय केंद्र-राज्य संबंधों में संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

TAGGED:government versus supreme courtsc on governorstamilnadu governmenttamilnadu governor
Byपूनम ऋतु सेन
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article कच्चे तेल की कीमतों में रिकवरी, मंत्री बोले- ऐसा रहा तो कम हो सकते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम
Next Article ऐसा क्या हुआ की आपस में लड़ गए TMC सांसद ? BJP आईटी सेल के हेड ने उठाया सवाल      

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

गजा पर भीषण इजरायली हमला, बच्‍चों पर गिरे बम, 330 फिलिस्तीनियों की मौत

गाजा में इजरायल ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए हैं, जिससे…

By The Lens Desk

रायपुर में पीड़ित महिला की नहीं हो रही सुनवाई, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

रायपुर। राजधानी रायपुर में एक पीड़ित महिला ने अपने पति और ससुर पर तीन बार…

By Lens News

समाचार एजेंसी रायटर्स का एक्स एकाउंट हिंदुस्तान में बैन

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली भारत ने शनिवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स (Reuters ) के आधिकारिक एक्स…

By Lens News

You Might Also Like

Chhagan Bhujbal News
अन्‍य राज्‍य

मंत्री बनते ही छगन भुजबल ने ये क्‍यों कहा- अंत भला तो सब भला

By Lens News Network
Swami Prasad Maurya
अन्‍य राज्‍य

पहले पहनाई माला फिर सिर में मारी टीप, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा-करणी सेना का कारनामा

By अरुण पांडेय
PATNA ACCIDENT
अन्‍य राज्‍य

पटना में दर्दनाक सड़क हादसे में 10 लोगों की मौत, सड़क पर फैला खून

By पूनम ऋतु सेन
Radhika Yadav
अन्‍य राज्‍य

राधिका यादव की हत्या की बात पिता ने की कबूल, कहा – मुझे फांसी दे दी जानी चाहिए

By दानिश अनवर
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?