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दुनिया

एलन मस्‍क भारत में संभावनाएं तलाश रहे हैं, लेकिन अमेरिका में ट्रंप के साथ क्‍यों हो रहा विरोध

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: April 6, 2025 4:01 PM
Last updated: April 6, 2025 4:54 PM
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अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के 180 देशों में ट्रैरिफ लगाने के बाद उनके खिलाफ अमेरिका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। यह प्रदर्शन अमेरिका की अर्थ व्‍यवस्‍था को गर्त में ले जाने और  उनके सहयोगी एलन मस्‍क के खिलाफ हुए हैं।

खबर में खास
मस्क की भूमिका पर सवालन्यूयॉर्क से लेकर अलास्का तक जनविद्रोहगर्भपात, शिक्षा और स्वास्थ्य नीति पर नाराजगीअंतरराष्ट्रीय मंच पर भी विरोध की गूंजराजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आक्रोश

जाहिर है एलन मस्‍क स्‍टार लिंक की इंटरनेट सेवा और टेस्‍ला कारों के लिए भारत में संभावनाएं तलाश रहे हैं। लेकिन, अमेरिका में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, यह भी जगजाहिर है कि मस्‍क राष्‍ट्रपति ट्रंप के बेहद करीबी हैं।

150 से अधिक समूहों ने अमेरिका के अलग-अलग 50 राज्यों में 1200 जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने Hands Off  लिखी तख्‍तियां लेकर नारे लगाए, जिसका मतलब है कि अब अपने हाथ नीचे करो।

HAPPENING NOW: A MASSIVE protest is taking place in downtown Chicago for the "Hands Off!" movement against Elon Musk and Donald Trump pic.twitter.com/NVEiTFi8Iy

— Marco Foster (@MarcoFoster_) April 5, 2025

मस्क की भूमिका पर सवाल

HAPPENING NOW: Another absolutely MASSIVE protest is happening in Salt Lake City, Utah for the “Hands Off!” movement against Elon Musk and Donald Trump 👇🏻 pic.twitter.com/8GC9s4aEKV

— Marco Foster (@MarcoFoster_) April 5, 2025

यूरो न्‍यूज की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार की नई नीतियों और फैसलों को लेकर कई लोगों ने विरोध जताया है। आलोचकों का कहना है कि सरकार का ध्यान संघीय (फेडरल) सरकार का आकार छोटा करने, अर्थव्यवस्था, प्रवासी (आव्रजन) नीतियों और मानवाधिकारों को सीमित करने पर है।

प्रदर्शन करने वाले लोगों ने सरकार के उन फैसलों का विरोध किया जिसमें हजारों सरकारी कर्मचारियों की नौकरी जा रही है, सामाजिक सुरक्षा के दफ्तर बंद किए जा रहे हैं और USAID जैसी सरकारी एजेंसियां लगभग बंद की जा रही हैं।

इन सब कामों को करने में एलन मस्क की अहम भूमिका मानी जा रही है। मस्क एक नई सरकारी संस्था “DOGE” (डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी) के प्रमुख हैं, जिसका मकसद है सरकारी खर्च को कम करना। यह संस्था लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर खर्च में कटौती करना चाहती है।

प्रदर्शनकारियों ने “एलन मस्क को देश से बाहर करो” जैसे नारों वाली तख्तियां उठाई थीं। लोगों ने मस्क की आलोचना की, क्योंकि वो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं लेकिन फिर भी सरकार में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। मस्क टेस्ला, स्पेसएक्स, स्टारलिंक और एक्स (पूर्व ट्विटर) जैसी कंपनियों के मालिक हैं।

वॉशिंगटन डीसी में रैली के दौरान कांग्रेस सदस्य जेमी रस्किन ने कहा, “अमेरिका में श्री मस्क, न्याय बिकाऊ नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट के जजों की कुर्सियों को पैसों में नहीं बेचते। हमारे वोट खरीदना बंद कीजिए, हमारी सरकार को लूटना बंद कीजिए और हमारे डेटा को चुराना बंद कीजिए।”

न्यूयॉर्क से लेकर अलास्का तक जनविद्रोह

अमेरिका के विभिन्न हिस्सों न्यूयॉर्क, मिडटाउन मैनहट्टन, एंकोरेज, अलास्का, पोर्टलैंड, लॉस एंजिलिस में हजारों लोग सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने “गवर्नमेंट डाउनसाइजिंग”, “इमिग्रेशन”, “इकॉनमी” और “ह्यूमन राइट्स” जैसे मुद्दों पर ट्रंप और मस्क की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की। लॉस एंजिलिस में पर्शिंग स्क्वायर से सिटी हॉल तक लोगों का हुजूम नारे लगाता हुआ आगे बढ़ा।

गर्भपात, शिक्षा और स्वास्थ्य नीति पर नाराजगी

ट्रंप की गर्भपात विरोधी नीतियों के खिलाफ महिलाओं ने भी जमकर विरोध जताया। लॉस एंजिलिस में एक महिला ने “मेरे गर्भाशय से बाहर निकलो” लिखा झंडा लहराया। वहीं, डेनवर में प्रदर्शनकारियों ने कहा, “अमेरिका को किसी राजा की नहीं, लोकतंत्र की जरूरत है।”

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी विरोध की गूंज

केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि लंदन और बर्लिन जैसे शहरों में भी विरोध की लहर महसूस की गई। लंदन में लिज चैंबरलिन ने कहा, “जो कुछ अमेरिका में हो रहा है, उसका असर हम सभी पर पड़ेगा। यह आर्थिक पागलपन हमें वैश्विक मंदी की ओर धकेल सकता है।” बर्लिन में सुसैन फेस्ट ने ट्रंप पर “संवैधानिक संकट पैदा करने” का आरोप लगाया।

राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आक्रोश

वॉशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल में डेमोक्रेट नेता जेमी रस्किन ने कहा, “कोई भी ऐसा शासक नहीं चाहता जो सिर्फ कीमतों को जानता हो लेकिन मूल्यों से अंजान हो।” सामाजिक कार्यकर्ता ग्रेलन हैगलर ने चेतावनी दी, “हम चुप नहीं रहेंगे, हम पीछे नहीं हटेंगे ये तो सिर्फ शुरुआत है।”

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