रायपुर। शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर रहे। एक बार फिर उन्होंने अपने भाषण में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि नक्सली भाइयों हथियार छोड़ो मुख्यधारा में आओ। अब जो गांव नक्सलियों को सरेंडर कराएगा उस गांव को एक करोड़ रुपए दिया जाएगा।
शाह दिसंंबर 2023 में भाजपा सरकार बनने के बाद एक साल में 6 बार छत्तीसगढ़ दौरे पर रहे। इन 6 दौरों में 4 बार अमित शाह बस्तर गए। बस्तर को लेकर अमित शाह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक बस्तर नक्सल समस्या से मुक्त हो जाएगा। इसी मकसद से अमित शाह जब भी छत्तीसगढ़ आते हैं तो नक्सलवाद के खात्मे को लेकर जरूर बात करते हैं और वामपंथी उग्रवाद की स्थिति को लेकर अधिकारियों की मीटिंग लेते हैं।
भाजपा सरकार बनने के बाद 6 बार छत्तीसगढ़ आए अमित शाह
पहला दौरा– छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 14-16 दिसंबर 2023 को पहली बार छत्तीसगढ़ आए। इस दौरान वे रायपुर और जगदलपुर में थे, जहां उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। यह दौरा भाजपा की छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद हुआ था।
दूसरा दौरा– 22 फरवरी 2024 अमित शाह एक दिवसीय दौरे पर रायपुर आए। इस यात्रा में उन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ अभियानों की समीक्षा की और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। यह दौरा लोकसभा चुनाव 2024 से पहले का था।
तीसरा दौरा– अमित शाह 23-25 अगस्त 2024 तीन दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आए। वे रायपुर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गए, जहां उन्होंने सुरक्षा और विकास कार्यों की समीक्षा की। यह दौरा नक्सलवाद के खिलाफ रणनीति को मजबूत करने के लिए था।
चौथा दौरा– 14-16 दिसंबर 2024 अमित शाह फिर से तीन दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आए। इस दौरान वे नक्सल प्रभावित इलाकों में गए और सुरक्षा बलों के साथ बैठकें कीं।
पांचवां दौरा– 6 फरवरी 2025 अमित शाह एक दिवसीय दौरे पर डोंगरगढ़ आए। वे आचार्य विद्यासागर महाराज के “प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव” में शामिल हुए और समाधि स्थल पर नमन किया।
छठवां दौरा– 4-5 अप्रैल 2025 को अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आए हैं। 4 अप्रैल को वे रायपुर पहुंचे और 5 अप्रैल को दंतेवाड़ा गए, जहां उन्होंने मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन किए, बस्तर पंडुम के समापन समारोह में हिस्सा लिया, और बस्तर में तैनात सुरक्षा बलों के कमांडर्स से मुलाकात की। इसके अलावा रायपुर में अमित शाह वामपंथी उग्रवाद( एलडब्ल्यूई) को लेकर अधिकारियों की हाइप्रोफाइल बैठक की।
दौरे का मुख्य फोकस बस्तर और नक्सलवाद
अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे का मकसद साफ हो चुका है। उन्होंने खुलकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। 20 सितम्बर 2024 को अमित शाह ने दिल्ली में नक्सल पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया। इसके बाद से शाह दिल्ली और रायपुर एक कर चुके हैं। अमित शाह ने दिल्ली में भी नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पुलिस अधिकारियों के साथ कई बैठकें की।
डेड लाइन तय बड़ी संख्या में मारे जा रहे नक्सली
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा डेडलाइन के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज हो गए हैं। पिछले एक साल में 400 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। और 1200 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और लगभग 1400 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। शनिवार को भी छत्तीसगढ़ तेलंगाना बॉर्डर में 86 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
सभी नक्सली भाई हथियार डाल दें– अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज बस्तर पंडुम के समापन समारोह में एक बार फिर नक्सलियों से अपील की है। अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि “अब वो जमाना चला गया, जब यहां पर गोलियां चलती थीं, बम धमाके होते थे, जिनके हाथों में हथियार हैं और जिनके हाथों में हथियार नहीं हैं, उन सभी नक्सलियों से आह्वान करता हूं कि आप हथियार डाल दीजिए और मुख्यधारा में शामिल हो जाइए। आप हमारे अपने हैं। कोई भी नक्सली मारा जाता है तो किसी को खुशी नहीं मिलती है, लेकिन इस क्षेत्र को विकास चाहिए। जो 50 साल में विकास नहीं हुआ”
“नक्सली हथियार चलाकर बस्तर में अमन, शांति और विकास नहीं ला सकते, हर गांव नक्सलमुक्त हो। इस अवधारणा के साथ राज्य सरकार चल रही है। जो गांव हर नक्सली को सरेंडर कराएगा, उस गांव को नक्सलमुक्त घोषित करने के साथ ही उसके विकास के लिए एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।”