दिल्ली। वक्फ बिल में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। शाह ने कहा कि विपक्ष ने भ्रम फैलाने का काम किया है। विपक्ष धमकी दे रहा है कि अल्पसंख्यक इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे। मैं कहता हूं यह संसद का कानून है इसे सभी को स्वीकार करना होगा। भाजपा वोट बैंक की राजनीति नहीं करती है। मोदी सरकार में पिछड़ों को संवैधानिक अधिकार मिला है। विपक्ष इस तरह से देश तोड़ने की कोशिश कर रहा है।

शाह ने कहा – पीएम मोदी ने विकास की राजनीति शुरू की है। कांग्रेस ने मुसलमानों और पिछड़ों का शोषण किया है। बार-बार मुस्लिमों को डराया है। मोदी सरकार का दावा है कि इस देश के नागरिक चाहे किसी भी समुदाय को हों, चोट नहीं आएगी। कई मुसलमान भाई हैं, जो वक्फ कानून के दायरे में नहीं आना चाहते। बोहरा, पसमांदा, शिया कई समाज ऐसे हैं, जो वक्फ के दायरे में नहीं आना चाहते। ऐसा कोई भी मुसलमान चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत अपनी संपत्ति दर्ज करा सकता है।
अपने भाषण की शुरुआत में शाह ने कहा कि वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है। वक्फ का अर्थ है अल्लाह के नाम दिया गया दान। विपक्ष भ्रांतिया फैला रहा है। कई सदस्य के मन में ढेर सारी भ्रांतियां हैं। विपक्ष कह रहा है कि धार्मिक मसलों पर गैर मुस्लिमों को शामिल किया जा रहा है। यह पूरी तरह से गलत है। हम वक्फ के धार्मिक मामलों में गैर मुस्लिमों को न तो शामिल कर रहे हैं और न ही उन्हें शामिल करना है। मुतवल्ली कोई गैर मुस्लिम नहीं है। सिर्फ वक्त के प्रशासनिक कामों में उन्हें शामिल किया जा रहा है, ताकि कोई वक्फ की संपत्ति की चोरी न कर सके। वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद 1995 से है। वोट बैंक के लिए विपक्ष विरोध कर रहा है। वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड में गैस मुस्लिम सदस्य रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए एएसआई की जमीन को हम सुरक्षा देंगे। वक्फ मुस्लिम समुदाय की प्रतिनिधि इकाई नहीं है। अब किसी की जमीन मात्र घोषणा से वक्फ को नहीं दी जाएगी।
शाह ने आगे कहा कि 1913 से लेकर 2013 तक वक्फ बोर्ड की कुल भूमि 18 लाख एकड़ थी। 2013 से 2025 तक 21 लाख एकड़ भूमि बढ़ गई। मतलब 39 एकड़ लाख भूमि हो गई है। ये 2013 की उस गलत संशोधन की वजह से हुई है, जिसमें वक्फ बोर्ड को बेहिसाब ताकतें दे दी गईं। 2013 में संशोधन नहीं होता तो ये बिल लाने की जरूरत नहीं पड़ती, सरकारी संपत्ति ने 2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ को दे दिया। तमिलनाडू में मंदिर की जमीन को वक्फ को दे दिया। दिल्ली में रेलवे की जमीन वोटबैंक के लिए वक्फ को दे दी गई थी। इसके कारण दिल्ली लुटियंस की 123 वीवीआईपी संपत्ति कांग्रेस सरकार ने वक्फ को देने का काम किया। लाखों एकड़ जमीन की कमाई सिर्फ 126 करोड़ है। इससे समझा जा सकता है कि वक्फ की संपत्ति को किस तरह लूटा जा रहा है। पटना में डाक बंगला की जमीन वक्फ को दे दी गई। इस नए बिल से बेरोजगार युवकों की मदद होगी। 4 साल में मुस्लिम समझ जाएंगे वक्फ बिल का फायदा। ये बिल वक्फ की संपत्ति के रखरखाव के लिए लाया गया है। दक्षिण के सांसद ईसाईयों को नाराज कर रहे हैं। चर्चों ने भी इस बिल का समर्थन किया है। आज कई ईसाई वक्फ बिल का समर्थन कर रहे हैं। तमिलनाडू में ईसाई समाज की जमीन पर वक्फ का कब्जा।