- सरकार की ओर से मंत्री किरेन रिजीजू ने पेश किया वक्फ संशोधन बिल, विपक्ष की तरफ से उपनेता गौरव गोगोई ने शुरू की बहस
नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन बिल पेश करते समय पूर्वोत्तर के राज्यों को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। सरकार की तरफ से अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने वक्फ संशोधन बिल सदन में पेश किया। विपक्ष की ओर से उपनेता गौरव गोगोई को पहले बोलने का मौका मिला। पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर अक्सर अपेक्षा का आरोप लगता रहा है। लेकिन, आज बिल पेश करते समय इन्हीं दोनों नेताओं को बहस की शुरुआत करने का मौका दिया गया।
किरेन रिजिजू ने बिल के बहाने विपक्ष को घेरा
किरेन रिजिजू अरुणाचल प्रदेश के अरुणाचल पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वक्फ संशोधन बिल पेश करते समय उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। रिजिजू ने कहा कि इस बिल पर आज तक इतनी व्यापक चर्चा कभी नहीं हुई और 25 राज्यों के वक्फ बोर्डों ने इसके लिए सुझाव दिए हैं। रिजिजू ने बताया कि इस विधेयक पर 96 लाख से ज्यादा याचिकाएं प्राप्त हुई हैं, जो इसकी व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षका मन इस मुद्दे पर साफ नहीं है।
चर्चा के दौरान रिजिजू के एक बयान ने माहौल को और गरमा दिया। उन्होंने कहा, “अगर संशोधन नहीं हुआ तो संसद भवन भी वक्फ की संपत्ति बन सकता है।” इस बयान पर विपक्ष ने भारी हंगामा किया। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि यह बिल सिर्फ वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए है और इसका किसी धर्म या मस्जिद के प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, “जहां नमाज पढ़ी जाएगी, वहां सरकार कोई दखल नहीं देगी।”
रिजिजू ने 2013 में यूपीए सरकार द्वारा किए गए संशोधनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि तब वक्फ बोर्ड को इतनी शक्तियां दी गई थीं कि उसके फैसलों को सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि वक्फ संशोधन बिल किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। उन्होंने पूछा, “दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति हिंदुस्तान में है, फिर उसका इस्तेमाल गरीबों के भले के लिए क्यों नहीं हो सकता? वक्फ के पास अकूत संपत्ति हैं, फिर मुसलमान गरीब क्यों हैं?”
उन्होंने कहा कि बिल से वक्फ संपत्तियों का सही ऑडिट होगा, राजस्व बढ़ेगा और यह सबके फायदे में होगा। इससे हमें पता चलेगा कि हमारे पास कितनी संपत्ति है।रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड कानून के दायरे में रहेगा और धार्मिक कार्यों में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
गौरव गोगोई ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
असम के जोरहाट लोकसभा क्षेत्र से सांसद और लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने विपक्ष की तरफ से बहस की शुरुआत की। गोगोई ने विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला, रिजिजू पर वक्फ बिल को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। कहा कि उनके यूपीए सरकार के बारे में किए गए दावे पूरी तरह झूठे हैं। उन्होंने मांग की कि रिजिजू अपने बयानों को प्रमाणित करें।
गोगोई ने इस विधेयक को संविधान के मूल ढांचे और संघीय व्यवस्था पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा, “रिजिजू का पूरा भाषण भ्रम फैलाने और समाज को विभाजित करने वाला था। सरकार का असली मकसद देश की एकता और अखंडता को कमजोर करना है।” गोगोई ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा, “आज ये अल्पसंख्यकों के हित की बात कर रहे हैं, लेकिन कुछ दिन पहले ईद पर उनकी सरकार ने लोगों को रास्ते पर नमाज तक नहीं पढ़ने दी। पहले ये बताएं कि बीजेपी में कितने अल्पसंख्यक सांसद हैं?”
गौरव गोगोई ने स्पष्ट किया कि विपक्ष संशोधन के खिलाफ नहीं है, लेकिन संशोधन सकारात्मक होने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बिल कानूनी मसले बढ़ाएगा और भाईचारा खत्म करने की साजिश है।” गोगोई ने चेतावनी दी कि आज सरकार की नजर एक समुदाय की जमीन पर है, कल यह दूसरे समुदायों की ओर बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “इस सरकार में अल्पसंख्यकों की स्थिति बद से बदतर हुई है। यह बिल देश की एकता, अखंडता और संविधान के खिलाफ है।