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देश

प्रयागराज में बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्‍त : यूपी सरकार को फटकार, पीड़ितों को 10-10 लाख का मुआवजा

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: April 1, 2025 2:36 PM
Last updated: April 1, 2025 6:02 PM
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supreme court of india
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नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण को अवैध रूप से घरों को गिराने के लिए कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस कार्रवाई को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि आश्रय का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और किसी भी सरकार को इसे मनमाने तरीके से छीनने का हक नहीं है।

प्रयागराज में एक वकील, एक प्रोफेसर और तीन अन्य व्यक्तियों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई को गलत बताते हुए सभी पांचों पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मकान गिराना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही नवंबर में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा चुका था। अदालत ने कहा था कि मनमाने तरीके से घरों को गिराने वाली सरकारें कानून को हाथ में लेने की दोषी हैं। कोर्ट ने साफ किया कि मकान सिर्फ संपत्ति नहीं, बल्कि पूरे परिवार के लिए एक आश्रय होता है और इसे गिराने से पहले राज्य को गंभीरता से विचार करना चाहिए।

अंबेडकर नगर का वीडियो हुआ था वायरल

23 मार्च को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वायरल वीडियो में एक बच्ची बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान अपनी झोपड़ी की तरफ दौड़ते हुए दिखाई दे रही है। बच्ची झोपड़ी के पास पहुंचकर अपनी किताबें लेकर भागते हुए बाहर आती है।

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्‍या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई को लेकर कड़े शब्दों में कहा कि “यह हमारी अंतरात्मा को झकझोरता है। आश्रय का अधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। इस तरह की कार्रवाइयों को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता।” कोर्ट ने कहा कि यह मुआवजा इसलिए भी जरूरी है ताकि भविष्य में सरकारें बिना उचित प्रक्रिया के लोगों के मकान गिराने से परहेज करें। जजों ने हाल ही में सामने आए एक वीडियो का भी हवाला दिया, जिसमें गिरती हुई झोपड़ी से एक बच्ची अपनी किताबें लेकर भाग रही थी।

सीएम योगी ने क्‍या कहा था

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि बुलडोजर कार्रवाई कोई उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह समय की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने वही किया, जो उन्हें उचित लगा।

अखिलेश यादव का तंज

सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश स्वागत योग्य है कि प्रयागराज में 2021 में हुए एक बुलडोज़र एक्शन पर सभी 5 याचिकाकर्ताओं को प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा 6 सप्ताह में 10-10 लाख मुआवज़ा दिया। इस मामले में कोर्ट ने नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर मकान गिरा देने की कार्रवाई को अवैध घोषित… pic.twitter.com/xoR0ett4g9

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 1, 2025

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और सोशल मीडिया पर लिखा कि “सच तो यह है कि घर केवल पैसों से नहीं बनता और न ही उसके टूटने का जख्‍म सिर्फ मुआवजे से भरा जा सकता है। परिवार के लिए घर केवल चार दीवारों का ढांचा नहीं, बल्कि भावनाओं का प्रतीक होता है।”

TAGGED:Big_NewsBulldozer ActionPrayagrajsupreme courtup gov
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