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शिक्षा का सांप्रदायिकरण, 89 हजार सरकारी स्कूल बंद! जानिए, सोनिया गांधी ने और क्‍या-क्‍या कहा  

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: March 31, 2025 5:39 PM
Last updated: March 31, 2025 6:40 PM
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  • कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष का मोदी सरकार पर बड़ा हमला

नई दिल्‍ली। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और सांसद सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश के शैक्षिक ढांचे को क्षति पहुंचाने वाले एजेंडे पर काम कर रही है।

सोनिया गांधी ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू‘ में 31 मार्च को छपे लेख ‘3सी‘ दैट हॉन्ट इंडियन एजुकेशन टुडे”में कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था इस समय तीन बड़े संकटों का सामना कर रही है – सेंट्रलाइजेशन, कमर्शियलाइजेशन और कम्युनिलिज्म। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार समग्र शिक्षा अभियान के लिए मिलने वाले अनुदान को रोक रही है और राज्य सरकारों को पीएम-श्री योजना लागू करने के लिए बाध्य कर रही है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की आलोचना

सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की आलोचना करते हुए इसे केवल एक हाई-प्रोफाइल घोषणा करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में केंद्र सरकार की शिक्षा नीति ने सत्ता को अपने हाथों में केंद्रीकृत करने, शिक्षा का निजीकरण बढ़ाने और पाठ्यक्रमों को सांप्रदायिक रंग देने का ही काम किया है।

89,441 सरकारी स्कूल बंद

2014 से अब तक 89,441 सरकारी स्कूल बंद किए जा चुके हैं, जबकि इसी अवधि में 42,944 निजी स्कूल खोले गए हैं। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों को मजबूरन महंगे निजी स्कूलों की ओर रुख करना पड़ रहा है।

सोनिया गांधी ने उच्च शिक्षा के वित्तीय मॉडल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ब्लॉक अनुदान प्रणाली को हटाकर उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी लागू की गई है, जिसके तहत विश्वविद्यालयों को बाजार दर पर ऋण लेना पड़ रहा है। इस कर्ज को छात्रों की फीस बढ़ाकर चुकाया जा रहा है, जिससे उच्च शिक्षा आम लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही है।

राज्यों की अनदेखी

अपने लेख में सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने राज्य सरकारों से किसी भी प्रकार की चर्चा किए बिना अपनी नीतियों को लागू किया। सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड, जिसमें सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री शामिल होते हैं, सितंबर 2019 से अब तक नहीं बुलाया गया। यह सरकार की एकतरफा कार्यशैली और संवाद की कमी को दर्शाता है।

शिक्षा में सांप्रदायिक एजेंडा

सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार शिक्षा प्रणाली में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में हुए बदलावों का हवाला देते हुए कहा कि महात्मा गांधी की हत्या और मुगल भारत से जुड़े कई महत्वपूर्ण हिस्सों को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने संविधान की प्रस्तावना तक को हटाने की कोशिश की, लेकिन जनता के विरोध के कारण इसे दोबारा जोड़ा गया।

विश्वविद्यालयों में विचारधारा आधारित नियुक्तियां

उन्होंने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और अधिकारियों की नियुक्तियों पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि सरकार उन लोगों को भर्ती कर रही है जो उसकी विचारधारा से मेल खाते हैं, भले ही उनकी योग्यता संदिग्ध हो। उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशासनिक पद केवल सरकार समर्थकों को दिए जा रहे हैं।

TAGGED:nalization of educationNarendra Modinew education policySonia Gandhi
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