नई दिल्ली। राज्यसभा में 28 मार्च को राणा सांगा के मामले पर जबरदस्त रार दिखाई दी। सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने–सामने आए गए। बयानों के तीर इस कदर चले कि राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
दरअसल, समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिया बयान हंगामे के केंद्र में रहा। रामजी के बयान के बाद आगरा में उनके आवास पर करणी सेना ने हमला कर दिया था।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान इस तरह की हिंसा की अनुमति नहीं देता और जो लोग देश के लिए लड़े, उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
सभापति और मंत्रियों की प्रतिक्रिया
सभापति जगदीप धनखड़ ने राणा सांगा को राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनके बारे में कोई भी अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रामजी लाल सुमन की टिप्पणी को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भले ही टिप्पणी कार्यवाही से हटा दी गई हो, लेकिन यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे इस बयान की निंदा करें।
खरगे ने की हिंसा की निंदा
मल्लिकार्जुन खरगे ने न सिर्फ सभापति की टिप्पणी का समर्थन किया, बल्कि सांसद के घर पर हुए हमले की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि जो भी देशभक्त रहे हैं, उनका सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोई कानून हाथ में ले और किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाए। उन्होंने दलितों के खिलाफ हो रही घटनाओं पर भी चिंता जताई और मांग की कि रामजी लाल सुमन की सुरक्षा बढ़ाई जाए।
प्रमोद तिवारी ने राणा सांगा को बताया देश का नायक
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि राणा सांगा किसी जाति-धर्म के नहीं, बल्कि पूरे देश के नायक थे। उन्होंने यह भी कहा कि जो टिप्पणी कार्यवाही से हटाई जा चुकी है, उसे दोहराया नहीं जाना चाहिए।
बीजेपी सांसदों का तीखा हमला
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सुमन की टिप्पणी को देश के वीरों का अपमान बताया और सदन से अपील की कि इस बयान की आधिकारिक रूप से निंदा की जाए। बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने रामजी लाल सुमन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर उन्हें अपनी गलती का एहसास होता, तो वे खुद ही इसे स्पष्ट कर चुके होते। उन्होंने आरोप लगाया कि सुमन ने जानबूझकर इस बयान को दिया। उन्होंने कांग्रेस और सुमन से माफी मांगने की मांग की।
क्या था रामजी लाल सुमन का बयान?
21 मार्च को राज्यसभा में बोलते हुए रामजी लाल सुमन ने कहा था कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत बुलाया था। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बीजेपी के लोग कहते हैं कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है, लेकिन मुसलमान बाबर को आदर्श नहीं मानते। वे मोहम्मद साहब को आदर्श मानते हैं।‘ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं, तो बीजेपी वालों, तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो।‘