- फिक्की-ईवाई मीडिया एंड एंटरटेनमेंट रिपोर्ट-2025 में खुलासा
- 32 फीसदी तक पहुंची डिजिटल मीडिया की हिस्सेदारी
नई दिल्ली। भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग में पहली बार डिजिटल मीडिया ने टेलीविजन को पीछे छोड़ दिया है। फिक्की-ईवाई मीडिया एंड एंटरटेनमेंट रिपोर्ट–2025 के अनुसार 2024 में डिजिटल मीडिया का कुल हिस्सा 32 फीसदी तक पहुंच गया। भारत का मीडिया और मनोरंजन सेक्टर 2024 में 3.3 फीसदी बढ़कर ₹2.5 खरब हो गया और 2025 में इसके ₹2.68 खरब तक पहुंचने की उम्मीद है।
ईवाई इंडिया के मीडिया एंड एंटरटेनमेंटप्रमुख आशीष फेरवानी मीडिया को दिए बयान में बताया, “डिजिटल मीडिया ने कंटेंट निर्माण, वितरण और कमाई के मॉडल को पूरी तरह बदल दिया है।”
टेलीविजन विज्ञापन में 6 फीसदी की गिरावट

टेलीविजन इंडस्ट्री की अब भी बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंच बनी हुई है, लेकिन विज्ञापन से आने वाला राजस्व 6 फीसदी गिरा है। पेड टीवी ग्राहकों में 60 लाख की गिरावट आई, जबकि फ्री और कनेक्टेड टीवी की संख्या 3 करोड़ हो गईहै।
डिजिटल विज्ञापन में 17 फीसदी की बढ़त
डिजिटल मीडिया ने 2024 में ₹80,200 करोड़ की कमाई की, जबकि टेलीविजन की कमाई ₹67,900 करोड़ रही। डिजिटल विज्ञापन में 17 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई, जिससे यह ₹70,000 करोड़ तक पहुंच गया। सर्च और सोशल मीडिया विज्ञापनों में 11 फीसदी और ई-कॉमर्स विज्ञापनों में 50 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
डिजिटल सब्सक्रिप्शन भी 15 फीसदी बढ़ा
डिजिटल सब्सक्रिप्शन सेगमेंट में 15 फीसदी की वृद्धि हुई और यह ₹10,200 करोड़ तक पहुंच गया। ओटीटी सेवाओं का विस्तार हुआ है, जिससे पेड वीडियो सब्सक्राइबर्स की संख्या 11.1 करोड़ तक पहुंच गई। नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और जियो हॉटस्टार जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं ने ज्यादा क्षेत्रीय कंटेंट जोड़ा, लेकिन ओरिजिनल प्रोडक्शन में गिरावट आई।
फिल्मों के कमजोर कंटेट और महंगी टिकट से दर्शक कटे

फिल्म इंडस्ट्री में साल 2024 में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसकी कुल कमाई ₹18,700 करोड़ रह गई है। 1,600 से अधिक फिल्में रिलीज हुईं, लेकिन महंगी टिकट और कमजोर कंटेंट के कारण दर्शकों को आकर्षित नहीं कर सकीं। केवल 11 हिंदी फिल्मों ने ₹100 करोड़ से अधिक की कमाई की, जबकि 2023 में यह संख्या 17 थी। ओटीटी और सैटेलाइट अधिकारों की कीमतें भी 10 फीसदी घटीं।
ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी की मार

सरकार द्वारा गेमिंग ट्रांजेक्शन पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ प्रभावित हुई। कई खिलाड़ी अवैध विदेशी साइट्स की ओर मुड़ गए। हालांकि, कैजुअल गेमिंग सेगमेंट में 16 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।